अयोध्या: ज़मीन के एक विवाद ने ऐसी भयावह शक्ल अख़्तियार कर ली कि एक रिटायर्ड अमीन को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. मामला बारा गांव का है, जहां 19 मई की रात को 65 वर्षीय कर्मराज यादव की धारदार हथियार से बेरहमी से हत्या कर दी गई.
कर्मराज यादव अपने ट्यूबवेल पर सो रहे थे, तभी उन पर घात लगाकर जानलेवा हमला किया गया. हमले में उनकी मौके पर ही मौत हो गई। पूरे इलाके में सनसनी फैल गई. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने खुद कमान संभाली और महज़ 72 घंटे में हत्या की गुत्थी सुलझा दी। प्रेसवार्ता में उन्होंने सनसनीखेज़ खुलासा किया कि हत्या के पीछे ज़मीन का पुराना विवाद था.
हत्या की साज़िश ऐसे रची गई:
जांच में सामने आया कि कृष्णावती, जो मृतक कर्मराज यादव की रिश्तेदार हैं, वह 12 बीघा ज़मीन में हिस्सा मांग रही थीं। यह ज़मीन कृष्णावती के ससुर ने कर्मराज यादव के नाम बैनामा कर दी थी. जब उसे जमीन में हिस्सा नहीं मिला, तो उसने हत्या की साज़िश रच डाली.
पुलिस ने मुख्य अभियुक्ता कृष्णावती और उसके बेटे के दोस्त आलोक तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है. कृष्णावती का बेटा अरविंद यादव और उसका दूसरा दोस्त आदर्श सिंह भी शक के घेरे में हैं, जिनसे पूछताछ जारी है.
आला-ए-क़त्ल बरामद
हत्या में इस्तेमाल किया गया धारदार हथियार (आला-ए-क़त्ल) भी पुलिस ने बरामद कर लिया है। एसएसपी के मुताबिक़, बाकी अभियुक्तों को भी जल्द गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया जाएगा.
कानून के शिकंजे से नहीं बचा जुर्म
एक बार फिर अयोध्या पुलिस ने साबित कर दिया कि अपराध कितना भी चालाक क्यों न हो, कानून की नज़र से नहीं बच सकता। तेज़ कार्रवाई और सटीक जांच के दम पर पुलिस ने एक जघन्य हत्या की गुत्थी सुलझाकर जनविश्वास को मज़बूती दी है.