गोंडा: देवीपाटन मंडल के आयुक्त शशिभूषण लाल सुशील द्वारा मंगलवार सुबह अचानक विकास भवन और कलेक्ट्रेट परिसर में किए गए औचक निरीक्षण में प्रशासनिक लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है. निरीक्षण के दौरान कुल 59 अधिकारी व कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। इनमें 17 अधिकारी और 42 कर्मचारी शामिल हैं.
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि खनन अधिकारी का कार्यालय बंद मिला, कार्यालय के बाहर ताला लटक रहा था. वहीं, राज्य कर विभाग और जिला आबकारी कार्यालय में भी कई अधिकारी और कर्मचारी ड्यूटी से नदारद मिले.
इन अधिकारी-कर्मचारियों को थमाया गया कारण बताओ नोटिस
जिन अधिकारियों की अनुपस्थिति पाई गई, उनमें जिला पंचायत राज अधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी, जिला युवा कल्याण अधिकारी, और अधिशासी अभियंता (आरईएस) प्रमुख रूप से शामिल हैं. राज्य कर विभाग में नौ वरिष्ठ अधिकारी भी अनुपस्थित थे, जिनमें राज्य कर अधिकारी सचल दल, सहायक आयुक्त, उपायुक्त, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं.
आयुक्त ने कहा कि सभी अनुपस्थित अधिकारियों/कर्मचारियों से तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया है. यदि निर्धारित समय सीमा में संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
इस छापेमारी के दौरान अपर आयुक्त देवीपाटन मंडल कमलेश चंद्र वाजपेयी उपस्थित रहे और निरीक्षण में भागीदारी निभाई. आयुक्त ने अपने स्वयं के कार्यालय के स्टाफ की भी उपस्थिति की जांच की.
इस अभियान से प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है और अधिकारियों को अब समय पालन और जिम्मेदारी को लेकर चेतावनी मिल चुकी है.