अयोध्या: रामनगरी अयोध्या में रविवार को जानकी छठ पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया. वैशाख पूर्णिमा के पावन अवसर पर मंदिरों में विशेष अनुष्ठान आयोजित किए गए. इस शुभ दिन पर हजारों श्रद्धालु सरयू तट पर एकत्र हुए और पावन जल में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया. रामलला को 56 प्रकार के भोग अर्पित किए गए और बधाई गीतों की मधुर प्रस्तुति से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा.
जानकी छठ पर्व के अवसर पर अयोध्या के प्रमुख मंदिरों में विशेष आयोजन किए गए। राम जन्मभूमि परिसर में रामलला को 56 व्यंजनों का भोग अर्पित किया गया, जिसके पश्चात श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण हुआ. राम निवास मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए एक विश्रामगृह व भंडारा भवन के निर्माण हेतु भूमि पूजन किया गया। यह अनुष्ठान राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की उपस्थिति में संपन्न हुआ। ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि इस भवन में श्रद्धालुओं के लिए नि:शुल्क भोजन और विश्राम की व्यवस्था की जाएगी.
रामनगरी के अन्य प्रमुख मंदिरों जैसे जानकी महल ट्रस्ट, मणिराम दास की छावनी, श्रीराम बल्लभाकुंज, सियाराम किला, और प्राचीन लक्ष्मण किला में भी माता जानकी का छठ उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया. लक्ष्मण किला में शाम को विशेष बधाई गीतों की प्रस्तुति हुई, जिसमें सखियों के पारंपरिक नृत्य ने सभी का मन मोह लिया। महंत मैथिली रमण शरण और अधिकारी सूर्य प्रकाश शरण के संयोजन में पूर्णिमा पर विशेष अनुष्ठान कराए गए.
इस अवसर पर अयोध्या की सड़कों और मंदिरों में भारी भीड़ देखी गई. श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से सरयू में डुबकी लगाई और मंदिरों में दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया. पूरे नगर में धार्मिक उत्सव का उल्लास और वातावरण देखने लायक था.
अयोध्या में जानकी छठ न केवल एक पर्व है, बल्कि यह समर्पण, आस्था और राम-जानकी के प्रति प्रेम का जीवंत उदाहरण बन गया है. रामनगरी की संस्कृति और परंपराओं को जीवंत बनाए रखने में ऐसे उत्सवों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है.