Uttar Pradesh: अफसा अंसारी का फर्जी हस्ताक्षर मामला: अधिवक्ता लियाकत अली की जमानत याचिका खारिज

गाजीपुर: आईएस 191 गैंग मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी और उनके अधिवक्ता लियाकत अली के द्वारा अफसा अंसारी जो 50000 की इनामियां और पिछले काफी दिनों से फरार घोषित अपराधी हैं उनके फर्जी हस्ताक्षर से गैंगस्टर एक्ट में कुर्क की गई संपत्ति को रिलीज करने का वकालतनामा लगाया गया था. इस मामले में उमर अंसारी और अधिवक्ता लियाकत अली के खिलाफ मोहम्मदाबाद कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था और इसी मामले में अधिवक्ता लियाकत अली के द्वारा अग्रिम जमानत के लिए अपर सत्र न्यायाधीश शक्ति सिंह की कोर्ट में बेल एप्लीकेशन डाला गया था जिसे कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दिया.

बता दें की मुख्तार अंसारी और उनके परिवार के द्वारा अनैतिक कार्यों से मिले धन से अवैध संपत्तियों क्रय की गई थी. उन्हें संपत्ति में सदर कोतवाली इलाके के देवी बल्लभ दास मोहल्ले में 10 करोड़ की एक भू संपत्ति जिसे जिलाधिकारी के निर्देश पर गाज़ीपुर पुलिस ने कुर्क करने का काम किया था. इस संपत्ति को रिलीज करने के लिए अफसा अंसारी जो 50000 की इनामियां है और पिछले काफी दिनों से फरार चल रही है. उनके हस्ताक्षर उनके बेटे उमर अंसारी और उनके अधिवक्ता लियाकत अली के द्वारा लगाकर दस्तावेज कोर्ट में पेश किया गया और जब उसे हस्ताक्षर पर कोर्ट ने ध्यान दिया तब प्रथम दृष्टिया हस्ताक्षर फर्जी प्रतीत हुआ इसके बाद मोहम्मदाबाद पुलिस ने इस मामले पर लियाकत अली और उमर अंसारी पर मुकदमा दर्ज किया और 3 अगस्त को उमर अंसारी को लखनऊ स्थित विधायक निवास से गिरफ्तार किया था.

इसी मामले में आज दोनों पक्ष के अधिवक्ताओं की तरफ से बहस की गई और बहस के उपरांत न्यायाधीश शक्ति सिंह की कोर्ट ने उमर अंसारी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. इस मामले में एक दिन पूर्व उमर अंसारी की अग्रिम जमानत यात्रा खारिज की गई थी. वही आज उनके अधिवक्ता लियाकत अली की भी जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया.

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