उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार सुबह शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा में 3 लोगों की मौत हो गई. आक्रोशित भीड़ ने कई वाहनों में आग लगा दी. पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया.
इस घटना पर अजमेर में दरगाह के खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती का बयान सामने आया है. सैयद सरवर चिश्ती ने कहा कि शाही जामा मस्जिद को लेकर संभल में जो हुआ है वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. कानून की धज्जियां उड़ाई गई हैं, 3 मुसलमान शहीद हो गए, गोलियां भी चली हैं.
सरवर चिश्ती ने आगे कहा, “यहां पर पहले भी 1978 में सब कुछ हुआ था. एक दिन में कोर्ट में याचिका दायर की जाती है. बिना मुस्लिम पक्ष को सुने हुए कोर्ट का फैसला आ जाता है. कमिश्नर अप्वॉइंट किया जाए, सर्वे किया जाए, शाम को जाकर सर्वे भी कर लेते हैं. रिपोर्ट भी तैयार हो जाती है. कब तक मुसलमान इन अवैध चीजों को सहेगा. बाबरी मस्जिद का फैसला आने के बाद सोचा था कि अब देश में कुछ नहीं होगा. मंदिर-मस्जिद विवाद नहीं होगा, लेकिन यह तो थमने का नाम ही नहीं ले रहा है.”
‘पैगंबर की शान में गुस्ताखी होती है’
उन्होंने कहा, “आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा था कि हर मस्जिदों में क्या आप मंदिर तलाश करते फिरेंगे, लेकिन ये चीज तो रुकने का नाम ही नहीं ले रही है. कभी हमारे पैगंबर की शान में गुस्ताखी होती है, जो करते हैं वह पकड़े नहीं जाते हैं, यहां तक कहते हैं कि मक्का की खुदाई करो वहां मंदिर मिलेंगे. मतलब कोई रोकरी करने वाला नहीं है.”
इसके अलावा सरवर चिश्ती ने कहा, “महाराष्ट्र चुनाव के बाद देवेंद्र फडणवीस ने किस तरह का बयान दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वक्फ बोर्ड को लेकर क्या बोला, सीएम योगी कहते हैं कि बटेंगे तो कटेंगे. पीएम नरेंद्र मोदी कुछ और कहते हैं कि एक हैं तो सेफ हैं. जब पूरी सिटीजनशिप ऑफ इंडिया के लिए यह बात कहते तो अच्छी लगती है. सिर्फ एक समुदाय विशेष के लिए यह बात कहना, हम कोई बात कहते हैं तो कहते हैं भड़काऊ भाषण है. यह बात करते हैं तो कहते हैं की हुंकार भरी.”
चिश्ती ने आगे कहा कि यह देश को किस दिशा में लेकर जा रहे हैं, यह क्या करना चाहते हैं, कुछ समझ से बाहर है. 30 करोड़ मुस्लिम आबादी को नाराज करके यह देश किस तरह से चलेगा, किस दिशा में जाएगा. क्या यह देशहित में है.
ये खबर भी पढ़ें