चंदौली: अलीनगर थाना क्षेत्र के मुगलसराय स्थित आयुष हेल्थ केयर हॉस्पिटल में बिहार निवासी 17 वर्षीय प्रियांशी की इलाज के दौरान मौत हो गई. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं.
जानकारी के अनुसार 23 अगस्त की रात परिजन प्रियांशी को न्यूरो संबंधी समस्या के चलते आयुष हॉस्पिटल लेकर पहुंचे. डॉक्टरों ने उसे गहन चिकित्सा कक्ष (NICU) में भर्ती कर परिजनों से इलाज हेतु 17 हजार रुपये (किस्तों में )जमा कराए. परिजनों का आरोप है कि इलाज के बावजूद बच्ची की हालत लगातार बिगड़ती रही. 25 अगस्त की शाम लगभग 6 बजे उसकी मौत हो गई.
परिजनों का कहना है कि मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन शव देने के लिए इलाज में बकाए पैसे 40 हजार रुपये की मांग की. जबकि उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक पूर्व में स्पष्ट कर चुके हैं कि निजी अस्पताल मरीज की मौत पर परिजनों से कोई अतिरिक्त राशि नहीं वसूल सकते और तुरंत शव सौंपना अनिवार्य है. साथ ही मानक के विपरीत चल रहे निजी चिकित्सालय जो मरीजों को असामयिक मौत के मुंह में धकेल रहें है उन पर सख्त कार्यवाही हो.
मामला तूल पकड़ने पर अस्पताल संचालक ने दावा किया कि परिजनों ने कोई भुगतान नहीं किया। लेकिन परिजनों ने मीडिया को बिल और रसीदें दिखाईं, जिनसे यह साफ हुआ कि उन्होंने पहले से ही अस्पताल को राशि दी थी. आरोप है कि अंततः अस्पताल ने 5000 हजार रुपये लेने के बाद ही शव परिजनों को सौंपा.
घटना से परिजनों और स्थानीय लोगों में गुस्सा व्याप्त है। परिजन अस्पताल प्रशासन पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.