Uttar Pradesh: संभल में हिंसा के बाद अब हालात सामान्य हो गए हैं. बाजार में दुकानें खुल गई हैं, लेकिन मस्जिद के पास की दुकानें अबतक बंद हैं. इसको लेकर मस्जिद से अपील की गई है कि लोग काम पर लौटें. लोगों से ये भी अपील की गई है कि जुम्मे की नमाज लोग अपने घरों के पास वाली मस्जिदों में ही पढ़ें. वहीं दूसरी ओर पुलिस का उपद्रवियों पर ताबड़तोड़ एक्शन जारी है. हिंसा मामले में पुलिस अबतक 28 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. साथ ही हिंसा में शामिल 200 लोगों की फोटो भी जारी कर चुकी है.
मस्जिद के बाद क्या अपील की गई?
शाही जामा मस्जिद से अपील की गई है कि लोग जुम्मे की नमाज अपने घरों के पास की मस्जिद में पढ़ें और जामा मस्जिद पर ज्यादा भीड़ न लगाएं. जो हुआ हमें उसका अफसोस है. लोग अपने अपने काम पर लौटें और दुकानें खोलें. दरअसल हिंसा के बाद हालात तो सामान्य हो चुके हैं और बाजार भी खुल गए हैं, लेकिन मस्जिद के पास जो दुकानें हैं, वो अभी भी बंद हैं.
संभल में शांति भंग करने वालों पर पुलिस का ताबड़तोड़ एक्शन जारी है. अबतक 28 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर चुकी है. संभल पुलिस ने आरोपी फरहत को गिरफ्तार कर लिया है. दंगा के बाद फरहद ने एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था, जिसमें बेहद उकसाने वाली भाषा का इस्तेमाल किया गया था.
इस हिंसा में शामिल अन्य उपद्रवियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों के जरिए आरोपियों की पहचान की है और उनकी फोटो निकाली गई हैं. उपद्रवियों के पोस्टर सार्वजनिक जगहों पर लगवाए जाएंगे और उनसे नुकसान की भरवाई भी करवाई जाएगी.
यूपी सरकार को भेजी गई रिपोर्ट
इस मामले में जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से यूपी सरकार को रिपोर्ट भेज दी गई है. जिसमें बताया गया है कि जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा कैसे शुरू हुई और हालात पर काबू कैसे पाया गया. इतना ही नहीं हिंसा करने वालों पर प्रशासन ने क्या-क्या कार्रवाई की है, ये भी रिपोर्ट में बताया गया है.
संभल में 4 लोगों की जान कैसे गई ?
मामले में विपक्ष और मृतक के परिजन आरोप लगा रहे हैं कि मौतें पुलिस फायरिंग में हुई. जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कमिश्नर कहते हैं कि बिलाल, नईम, अयान और कैफ की हिंसा के दौरान मौत पुलिस की गोली से नहीं बल्कि 315 बोर की गोली से हुई है. यानी देसी कट्टे से चली गोली से चार लोगों की मौत हुई. वहीं, संभल की पुलिस कहती है कि उसने एक गोली नहीं चलाई. जो चलाई वो रबर बुलेट है.
जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई थी हिंसा
बीते रविवार को संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा मामले में चार लोगों की मौत हो गई और कई पुलिसवाले घायल हो गए. इसको लेकर पुलिस ने पत्थरबाजी करने वाले 100 लोगों की पहचान की है और इस मामले में अब तक 27 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं.
पुलिस ने हिंसा मामले में कुल 12 FIR दर्ज की हैं. गिरफ्तार लोगों में 14 साल की उम्र से लेकर 72 साल के आरोपी शामिल हैं, जिन पर गंभीर धाराओं में आरोप लगाए गए हैं. वहीं एक एफआईआर में पुलिस ने सांसद जियाउर्ररहमान बर्क और स्थानीय विधायक के बेटे सुहैल इकबाल पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है.
FIR में उपद्रवियों पर क्या आरोप हैं?
पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक FIR के मुताबिक, संभल के नखासा इलाके में 12:35 बजे पुलिस पर हमला हुआ था. इस इलाके में दंगाइयों ने पुलिस की पिस्तौल छीनने की कोशिश थी. दंगाई पुलिस वालों की 9 MM की मैगजीन लूट कर ले गए थे. एक अन्य FIR के मुताबिक संभल के नखासा चौक पर 150-200 लोगों की भीड़ ने दोपहर 12:35 पर CCTV कैमरों को सबसे पहले तोड़ा. भीड़ ने हॉकी, डंडों और पत्थरों से पुलिस पर जान से मारने की नियत से हमला करना शुरू कर दिया.
हिंसा भड़काने में सांसद की भूमिका: पुलिस कमिश्नर
वहीं हिंसा को लेकर संभल से सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक के बेटे के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर को लेकर कमिश्नर ने कहा कि इन पर जो मामला दर्ज हुआ है वो 19 तारीख को जुम्मे के दिन उनकी जो गतिविधि थी, उसके हिसाब से दर्ज किया गया है. लोगों से पूछताछ के बाद सांसद पर मामला दर्ज किया गया. उन्होंने कहा कि हम साक्ष्य के आधार पर प्रमाणित करेंगे कि इन गतिविधि में इन लोगों की संलिप्तता रही है.