Uttar Pradesh: अयोध्या को मॉडल सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के 16 नगर निगमों और नोएडा शहर को भी सोलर सिटी बनाने की योजना बनाई है. वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने अपने बजट भाषण में घोषणा की कि राज्य में सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 लागू की गई है। इस नीति के तहत आगामी पाँच वर्षों में 22,000 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.
रोजगार और कौशल विकास को मिलेगा बढ़ावा
सौर ऊर्जा नीति-2022 के तहत रोजगार सृजन और कौशल विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। वर्ष 2025-2026 में 3000 सूर्यमित्रों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे युवाओं को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर मिलेंगे. इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति-2022 के तहत 53 परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है, जिनमें से 24 परियोजनाएँ पहले ही स्थापित की जा चुकी हैं.
बिजली आपूर्ति में बड़ा सुधार
वित्तमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में बिजली आपूर्ति की स्थिति दयनीय थी, जिससे छात्र, किसान, अस्पताल और उद्योग प्रभावित होते थे। लेकिन अब प्रदेश में बिजली आपूर्ति की स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। वर्ष 2024-2025 में दिसंबर तक औसत बिजली आपूर्ति ग्रामीण क्षेत्रों में 20 घंटे 35 मिनट, तहसील मुख्यालयों में 22 घंटे 36 मिनट और जिला मुख्यालयों में 24 घंटे रही.
बिजली उत्पादन और नई परियोजनाएँ
प्रदेश में ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम ने वर्ष 2024-2025 में दिसंबर तक 7,140 मेगावाट ताप विद्युत उत्पादन और 37,056 मिलियन यूनिट उत्पादन किया है। गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए 3,953 करोड़ रुपये की लागत से पम्प स्टोरेज जल विद्युत परियोजना प्रस्तावित की गई है, जिसे चार वर्षों में पूरा किया जाएगा. इसके लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
कोल इंडिया लिमिटेड और उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम से जालौन में 500 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित की जाएगी, जिसकी अनुमानित लागत 2,500 करोड़ रुपये है। इस परियोजना के लिए 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है.
इसके अलावा, एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम से झांसी के गरौठा तहसील में 200 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जाएगा, जिसकी अनुमानित लागत 500 करोड़ रुपये है और इसके लिए 80 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है.
उत्तर प्रदेश सरकार के इन प्रयासों से प्रदेश में ऊर्जा आपूर्ति को मजबूती मिलेगी और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में व्यापक बदलाव आएगा.