सोनभद्र: आईजीआरएस (एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली) पोर्टल पर प्राप्त जन शिकायतों के निस्तारण में बरती जा रही गंभीर लापरवाही और उदासीनता पर जिलाधिकारी (डीएम) बीएन सिंह ने कड़ी कार्रवाई की है. शासन की मंशा के अनुरूप शिकायतों का समय पर निस्तारण न करने और असंतुष्ट फीडबैक प्राप्त होने के चलते जिले के चारों उपजिलाधिकारी (एसडीएम), चारों तहसील, सभी खंड विकास अधिकारी (बीडीओ), सभी सहायक विकास अधिकारी (एडीओ पंचायत) सहित कुल 70 अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन पर रोक लगा दी गई है. इस कार्रवाई की जद में 15 थानाध्यक्ष भी शामिल हैं. यह कठोर निर्देश अप्रैल माह के वेतन पर तत्काल प्रभाव से लागू होगा.
जिलाधिकारी बीएन सिंह के अनुसार, मुख्य सचिव द्वारा जारी निर्देशों के अनुपालन में आईजीआरएस पोर्टल से जुड़ी शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण और असंतोषजनक फीडबैक से बचने के संबंध में कार्यालयाध्यक्षों और नोडल आईजीआरएस अधिकारियों को कई बार पत्र लिखकर अवगत कराया गया था. इसके अतिरिक्त, इस विषय पर कार्यशालाएं भी आयोजित की गईं और विभागीय ऑपरेटरों व लिपिकों को शिकायत प्रकोष्ठ में बुलाकर विस्तृत जानकारी दी गई.
राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा घोर लापरवाही बरती जा रही थी
हालांकि, इसके बावजूद मुख्यमंत्री हेल्पलाइन (1076) और ऑनलाइन जिलाधिकारी संदर्भों के माध्यम से प्राप्त जन शिकायतों के निस्तारण में राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा घोर लापरवाही बरती जा रही थी। शिकायतों के संबंध में न तो शिकायतकर्ताओं से संपर्क किया जा रहा था और न ही मौके पर जाकर स्थलीय सत्यापन किया जा रहा था। इस उदासीनता के कारण लगातार असंतोषजनक फीडबैक प्राप्त हो रहा था, जिससे जिले की रैंकिंग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था.
जिलाधिकारी ने बताया कि शासन स्तर पर संतुष्ट फीडबैक के आधार पर ही जिले की रैंकिंग निर्धारित की जाती है. जब पोर्टल का अवलोकन किया गया तो पाया गया कि 1 अप्रैल 2025 से 25 अप्रैल 2025 के बीच प्राप्त 900 संदर्भों में से आश्चर्यजनक रूप से 585 संदर्भों में असंतुष्ट फीडबैक प्राप्त हुआ था. इन अधिकांश मामलों में, न तो शिकायतकर्ता से संपर्क किया गया था और न ही स्थलीय सत्यापन किया गया था, जिसके चलते असंतोषजनक फीडबैक की स्थिति बनी रही.
वेतन पर लगाई गई रोक
जिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से निर्देशित किया है कि संबंधित अधिकारी शिकायत प्रकोष्ठ से इन संदर्भों की सूची प्राप्त करें और उनका पुनः गुणवत्तापूर्ण निस्तारण कराकर प्रकरण की विस्तृत आख्या उपलब्ध कराएं. सरकारी प्रवक्ता ने उन अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची जारी की है, जिनके वेतन पर रोक लगाई गई है.
इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
अधिशासी अभियंता (प्रांतीय खंड), लोक निर्माण विभाग, अधिशासी अभियंता, विद्युत पिपरी, राबर्ट्सगंज, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ,ज्येष्ठ खान अधिकारी और खान निरीक्षक, खान महकमा, अधिशासी अभियंता, जलनिगम (ग्रामीण), जिला प्रोबेशन अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, तहसीलदार घोरावल, तहसीलदार राबटर्सगंज, तहसीलदार ओबरा, तहसीलदार दुद्धी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, विकास अधिकारी, सभी खंड विकास अधिकारी, परियोजना अधिकारी, कोन परियोजना अधिकारी, चोपन परियोजना अधिकारी, बभनी पंचायत राज अधिकारी, सभी सहायक विकास अधिकारी पंचायत उपजिलाधिकारी राबर्ट्सगंज, उपजिलाधिकारी घोरावल, उपजिलाधिकारी दुद्धी, उपजिलाधिकारी ओबरा. इसी के साथ 15 थानाध्यक्षों का भी रोका वेतन.
जिलाधिकारी बीएन सिंह की यह कठोर कार्रवाई आईजीआरएस पोर्टल पर जन शिकायतों के निस्तारण में सुधार लाने और शासन की मंशा को प्रभावी ढंग से लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. अब यह देखना होगा कि इस सख्ती के बाद संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यशैली में कितना बदलाव आता है और जन शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित हो पाता है या नहीं.