प्रयागराज में प्रदर्शनकारी छात्रों की बड़ी जीत हुई है. UPPSC ने उनकी मांगें स्वीकार कर ली हैं. अब PCS और RO/ARO की परीक्षा स्थगित कर दी गई है. इसके साथ ही अब PCS की परीक्षा एक ही शिफ्ट में होगी. प्रयागराज में छात्र सोमवार से धरना-प्रदर्शन कर रहे थे. स्टूडेंट्स की मांग सीएम योगी ने संज्ञान लिया. मुख्यमंत्री योगी की पहल पर ही UPPSC ने लिया फैसला लिया है. मुख्यमंत्री ने आयोग को छात्रों के साथ संवाद और समन्वय बनाकर आवश्यक निर्णय लेने को कहा है. पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 को अब एक दिन और एक शिफ्ट में कराए जाने का निर्णय लिया गया है. RO-ARO के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा. समिति सभी पहलुओं पर विचार कर जल्द अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.
क्या था मामला?
बता दें कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस प्रीलिम्स 2024 और RO-ARP प्रीलिम्स-2023 परीक्षाओं को दो दिनों में, दो शिफ्ट में आयोजित करने का निर्णय लिया था. प्रतियोगी छात्र यूपी पीसीएस 2024 और आरओ-एआरओ 2023 की प्रारंभिक परीक्षाओं को पहले की तरह एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में कराए जाने की मांग कर रहे थे. उनका कहना था कि 2 दिन परीक्षा कराए जाने पर होने वाले नॉर्मलाइजेशन से उनका नुकसान होगा.
‘वन डे वन एग्जाम’ की मांग पर अड़े थे छात्र
11 नवंबर को इस फैसले के खिलाफ दिल्ली से लेकर यूपी तक अभ्यर्थी सड़कों पर उतर आए. प्रदर्शनकारी छात्र ‘वन डे वन एग्जाम’ की मांग पर अड़े हुए थे. छात्र यूपीपीएससी की परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन सिस्टम खत्म करने की मांग कर रहे थे. उनका तर्क ये है कि लोक सेवा आयोग के नॉर्मलाइजेशन सिस्टम का तरीका निष्पक्ष नहीं है.
प्रदर्शनकारी छात्र बोले- हमारी मांगें पूरी हुईं
इस ऐलान के बाद प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा कि हमारी मांगें पूरी हो गई हैं. आरओ-एआरओ के लिए समिति बनाने का फैसला लिया गया है. हालांकि अभी परीक्षा की तारीख नहीं बताई है. उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद हम अपना प्रदर्शन खत्म कर देंगे.
पुलिस ने हिरासत में लिए थे छात्र
गुरुवार की सुबह प्रदर्शन कर रहे कुछ अभ्यर्थियों को पुलिस ने जबरन उठा लिया था, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई. एक छात्रा ने कहा था कि पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं के साथ भी बदसलूकी की है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि सिविल ड्रेस में आए पुलिसकर्मी प्रदर्शन करने वाले कुछ छात्रों को जबरन घसीटते हुए ले गए हैं. इससे पहले बुधवार शाम को भी पुलिस ने 11 छात्रों को हिरासत में लिया था. वे सभी कोचिंग की लाइब्रेरी को जबरन बंद करा रहे थे.