Uttar Pradesh: बहनोई बना बारात का विलन: दुल्हन बोली रिश्ता नहीं मंजूर!

Uttar Pradesh: फतेहपुर आपने शादी को लेकर दूल्हे की तैयारी, दुल्हन की शर्म और रिश्तेदारों की रस्में खूब देखी होंगी, लेकिन बहुआ कस्बे में आई इस बारात ने दिखा दिया कि सिर्फ दूल्हा-दुल्हन ही नहीं, बहनोई भी शादी के हीरो अथवा विलेन हो सकते हैं.

बुधवार रात को जब कानपुर देहात के संजय कुमार अपनी बारात लेकर बहुआ के जवाहर नगर पहुंचे, तो हर तरफ रौनक थी, घोड़ी भी तैयार थी और ढोल भी। तिलक से लेकर जयमाला तक सब कुछ प्लान के मुताबिक चल रहा था, लेकिन फिर एंट्री हुई दूल्हे के बहनोई सत्यप्रकाश की, जो ग्रेटर नोएडा से शादी में शामिल होने नहीं, शायद “धमाल” मचाने आए थे.

शादी का माहौल ऐसा बिगड़ा कि पंडित भी घबरा गया – भांवर के मंत्रों की जगह गालियों की गूंज सुनाई देने लगी। बात सिर्फ खाने-पाने और नेग तक रहती तो ठीक था, लेकिन सत्यप्रकाश जी तो मध्यस्थ को कुर्सी से ही समझाने लगे! और जब यही पर्याप्त नहीं लगा, तो अगली सुबह उन्होंने नशे में कार से कुछ लोगों को कुचलने का प्रयास कर माहौल को पूर्णतः “फिल्मी” बना दिया.

दुल्हन मुस्कान ने भी पूरे आत्मसम्मान के साथ फैसला सुनाया – “ये रिश्ता नहीं चलेगा!”। मान-मनौव्वल, पंचायत, गिड़गिड़ाहट – सब नाकाम। सुबह से दोपहर तक “भांवर होगा कि नहीं” पर बहस चलती रही, पर दुल्हन अडिग रही – विदाई तो दूर, शादी भी नहीं। आखिरकार दोनों पक्षों ने शांति के मार्ग पर चलते हुए समान-वापसी समझौता किया – दूल्हे वालों ने 1.53 लाख का खर्च लौटाया और बदले में चढ़ावे के जेवर-कपड़े वापस पाए। पुलिस भी संतुष्ट, दूल्हा भी खामोश, और बहनोई? शायद अगली बार किसी और की शादी में “शो स्टॉपर” बनने की तैयारी में होगा.

थाना प्रभारी शमशेर बहादुर सिंह ने बताया, “अब मामला शांत है।” यानी शादी तो नहीं हुई, पर कहानी जरूर बन गई – एक ऐसी बारात की, जो दूल्हे के बहनोई के कारण दुल्हन के दरवाज़े से खाली हाथ लौट गई.

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