Uttar Pradesh: सुल्तानपुर जिले के ट्रांसपोर्ट नगर में गरजा बुलडोजर, 30 परिवार हुए बेघर

 

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Uttar Pradesh: सुल्तानपुर जिले के शहर स्थित ट्रांसपोर्ट नगर में सोमवार शाम प्रशासन का बुलडोजर चला है. अधिकारियों का दावा है कि दो दर्जन से अधिक परिवार यहां सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके रह रहे थे. इन्हें नोटिस जारी किया गया फिर भी इन्होने अतिक्रमण नहीं हटाया. जिस पर बुलडोजर की कार्रवाई की गई है.

डीएम सुल्तानपुर कुमार हर्ष ने बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर में लगभग पांच एकड़ सरकारी जमीन है. इस पर नगर पालिका की ओर से सर्किट हाउस बनाया जाना है. जिसके लिए 70 करोड़ का बजट अनुमानित है. शासन ने फिलहाल 20 करोड़ के ऊपर बजट पास भी कर दिया है. यहां कार्य शुरू कराया जाना था. जिसको लेकर यहां अवैध रूप से रह रहे लोगों को पूर्व में नोटिस जारी की गई. लेकिन इन्होने अतिक्रमण हटाया नहीं.

इस क्रम में एसडीएम विपिन द्विवेदी के नेतृत्व में राजस्व व पुलिस टीम मौके पर पहुंची और अतिक्रमण हटवाना शुरू किया. यहां रह रहे तीस परिवार के सैकड़ों लोग हाथ जोड़ते रहे लेकिन अधिकारियों ने किसी एक की नहीं सुनी. लोगों ने ट्रांसपोर्ट नगर में बना अपना राशन कार्ड तक उन्हें दिखाया लेकिन अधिकारियों ने शासन के निर्देश पर कार्रवाई जारी रखी. जानकारी के अनुसार अधिकतर लोगों के पास अपने आवास हैं जिसे वे किराए पर दे रखे हैं और स्वयं यहां अतिक्रमण करके रह रहे हैं. वही बुलडोजर की कार्रवाई नहीं की जाए इसके लिए आज कई दर्जन लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे थे और डीएम को सम्बोधित मांग पत्र सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा था. बावजूद इसके प्रशासन ने उनकी एक नहीं सुनी.

राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बबलू चौधरी टाइगर वाल्मीकि ने बताया कि यह हमारे नगर पालिका सफाई कर्मचारियों की बस्ती थी, जो 35 साल से यहां पर लोग बसे हैं. पहले जिलाधिकारी महिला आई थी, पहले हम लोग किनारे रह रहे थे जिलाधिकारी महोदय ने कहा आप लोग नगर पालिका के सफाई कर्मचारी हो सफाई करके सेवा करते हो इसलिए आप लोग यहीं पर बसों. आज इन कर्मचारियों को बिना कोई सूचना दिए बेघर कर दिया गया या। हमें कोई नोटिस नहीं मिला. यहां रहने वाले श्रीमती ने बताया लेखपाल आए थे शनिवार को कहे खाली कर दो इसे गिरवाना है। आज 10:00 बजे कलेक्ट्रेट गए तो वहां विदुषी सिंह निकली उन्होंने कहा जहां आप लोग रह रहे हैं वही रहे जब आप लोग को खाली किया जाएगा पहले से बता देंगे यही बोली। रहने का स्थान दिया जाएगा तो हटाया जाएगा। श्रीमती ने बताया 40 साल से हम लोग रह रहे हैं, यहां जंगल था हम लोग किराया नहीं दे पा रहे थे हम लोग रह रहे थे खाली था कोई नहीं था यहां जो आगे पीछे बिल्डिंग बनी है कुछ भी नहीं था.

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