Uttar Pradesh: अमेठी जिले में अवैध खनन के आरोप में कंस्ट्रक्शन कंपनी पर केस दर्ज, जानिए पूरा मामला

Uttar Pradesh: अमेठी जिले के रायपुर फुलवारी, बरियापुर, चचकापुर और लोनियापुर गांवों में तालाब की भूमि पर अवैध खनन का मामला सामने आया है, ग्रामीणों ने इसका विरोध करते हुए तालाब में पानी भरवा दिया, लेकिन इसके बावजूद खनन जारी रहा. मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी निशा अनंत ने जांच के आदेश दिए, जिसमें अजय प्रकाश एसोसिएट्स की संलिप्तता पाई गई.

जांच में पाया गया कि, अजय प्रकाश एसोसिएट्स ने अमेठी बाईपास (फेज-02) के निर्माण कार्य के लिए खनन विभाग के माइन मित्रा पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन किया था, लेकिन बिना स्वीकृति प्राप्त किए ही ग्राम बरियापुर (गाटा संख्या 751) में 11,654 घन मीटर तथा ग्राम चचकापुर (गाटा संख्या 270) में 7,800 घन मीटर मिट्टी का अवैध खनन कर लिया.

विशेषज्ञों के मुताबिक, इस अवैध खनन से 1,600 डंपर मिट्टी निकाली गई, जिसकी कीमत 6,500 रुपये प्रति डंपर के हिसाब से 1.04 करोड़ रुपये आंकी गई है.

जिलाधिकारी निशा अनंत के निर्देश पर खनन निरीक्षक दुष्यंत कुमार ने थाना अमेठी में अजय प्रकाश एसोसिएट्स के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई.

अवैध खनन और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के चलते अजय प्रकाश एसोसिएट्स के खिलाफ निम्नलिखित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.

1️⃣ सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम, 1984 (धारा 2 और 3) – सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर 5 साल की सजा या आर्थिक दंड.

2️⃣ खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 (धारा 4 और 21) – बिना लाइसेंस के खनन करने पर 5 साल तक की कैद या 5 लाख रुपये तक का जुर्माना.

3️⃣ उत्तर प्रदेश उपखनिज परिहार नियमावली, 2021 – नियमों के उल्लंघन के आधार पर कानूनी कार्रवाई.
अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि, खनन विभाग इस पर कितना जुर्माना लगाता है.कानून के अनुसार, अवैध खनन में निकाली गई मिट्टी के मूल्य से अधिक राशि का जुर्माना लगाया जा सकता है, जिससे यह जुर्माना 1.04 करोड़ से अधिक भी हो सकता है.

एसडीएम आशीष सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेशानुसार मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है, अमेठी थाना प्रभारी बृजेश सिंह ने पुष्टि की कि खनन अधिकारी की तहरीर पर अजय प्रकाश एसोसिएट्स के विरुद्ध मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन अवैध खनन करने वाली कंपनी पर कितने करोड़ रुपये का जुर्माना ठोकता है और इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है.

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