Uttar Pradesh: गोंडा के रेलवे ट्रैक शेड में अचानक एक लखनऊ नंबर प्लेट वाली इनोवा गाड़ी रुकी, और इससे कुछ ही देर बाद अधिकारियों ने सीनियर सेक्शन इंजीनियर (रेल पथ) अरुण कुमार मिश्रा के दफ्तर में छापेमारी शुरू कर दी. छापेमारी करीब एक घंटे तक चली, जिसमें मिश्रा से गहन पूछताछ की गई. इसके बाद सीबीआई की टीम उन्हें अपने साथ लखनऊ ले गई. इस अप्रत्याशित कार्रवाई से गोंडा रेलवे प्रशासन में हड़कंप मच गया.
घटनास्थल पर पहुंचे जीआरपी के पोस्ट कमांडर नरेंद्र पाल ने भी मौके का दौरा किया, और मामले की जांच शुरू की. उन्होंने ट्रैक शेड के कर्मचारियों से पूछताछ की और जानकारी जुटाने की कोशिश की. सीबीआई की इस छापेमारी की कोई पूर्व सूचना जीआरपी या आरपीएफ को नहीं दी गई थी, जिससे दोनों सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से हैरान रह गईं.
सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने यह छापेमारी रेलवे ट्रैक शेड में कथित भ्रष्टाचार की एक गुप्त शिकायत के आधार पर की थी. शिकायत के कारण सीबीआई ने पूरी कार्रवाई को गोपनीय रखा, और कोई भी जानकारी सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा नहीं की.
जीआरपी के पोस्ट कमांडर नरेंद्र पाल ने बताया कि, सीबीआई टीम ने अरुण कुमार मिश्रा को अपने साथ लखनऊ ले लिया है, लेकिन इस मामले में जांच के विवरण की जानकारी अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है, उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआई ने इस बारे में जीआरपी और आरपीएफ से कोई सूचना नहीं दी थी, जिसके कारण दोनों एजेंसियां अनजान रही.
सीबीआई की इस कार्रवाई ने न सिर्फ गोंडा रेलवे प्रशासन, बल्कि रेलवे कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच भी घबराहट फैला दी है, अब सवाल यह उठ रहा है कि, यह छापेमारी किस बड़े मामले से जुड़ी है, और आगे की जांच में क्या नया सामने आता है.