उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन (उपजा) की गोण्डा इकाई में एक नई ऊर्जा, एक नई लहर, और एक नई उम्मीद का संचार हुआ है, पत्रकारिता की तपती धरती पर अब महेश गुप्ता की अगुवाई में संगठन को एक नई दिशा मिलने जा रही है। वरिष्ठ पत्रकार और निर्भीक आवाज़ माने जाने वाले महेश गुप्ता को उपजा गोण्डा का जिला संयोजक मनोनीत किया गया है, और उनके नेतृत्व में जिले में पत्रकारों की एक नई हुंकार सुनाई देने लगी है.
प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप शर्मा की ओर से आई इस नियुक्ति ने पत्रकारों में जोश भर दिया है, संगठन को न सिर्फ एक अनुभवी नेतृत्व मिला है, बल्कि एक ऐसा व्यक्तित्व भी मिला है जो पत्रकारों की नब्ज़ पहचानता है और उनके अधिकारों की लड़ाई लड़ने का माद्दा रखता है.
लोहिया धर्मशाला बनी पत्रकारिता की कर्मभूमि
शुक्रवार को स्टेशन रोड स्थित ऐतिहासिक लोहिया धर्मशाला में पत्रकारों की एक अहम बैठक हुई, यह सिर्फ एक बैठक नहीं, बल्कि एक आंदोलन की शुरुआत थी. जिले के नामचीन वरिष्ठ पत्रकारों से लेकर युवा, डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के प्रतिनिधियों तक – सबने एक स्वर में संगठन की मजबूती का संकल्प लिया.
बैठक की अध्यक्षता खुद नवमनोनीत संयोजक महेश गुप्ता ने की, और उनका जोशीला भाषण सुनते ही माहौल तालियों से गूंज उठा, उन्होंने दो टूक कहा –
“अब पत्रकार अकेला नहीं है, उपजा उसके साथ है! और जब तक एक भी पत्रकार न्याय से वंचित रहेगा, हमारी लड़ाई जारी रहेगी!”
पत्रकारों के लिए बोले – गुप्ता जी की गरज
महेश गुप्ता ने अपनी पहली बैठक में ही पत्रकारों के दिल जीत लिए उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि गोण्डा में एक ऐसी सक्रिय कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा जिसमें हर माध्यम, हर वर्ग, हर सोच और हर संवेदना को जगह मिलेगी। युवाओं को मौका मिलेगा, महिलाओं को सम्मान मिलेगा और वरिष्ठों का मार्गदर्शन सदैव सर्वोपरि रहेगा.
यदुराय की चेतावनी – “मीडिया पर मंडरा रहे खतरे”
बैठक के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक चिंतक आर.जे. शुक्ल ‘यदुराय’ ने चेताया कि आज पत्रकारिता पर सबसे बड़ा खतरा खुद पत्रकारों की निष्क्रियता और बिखराव है। उन्होंने कहा –
“सोशल मीडिया की अफवाहों और बाजारू पत्रकारिता के बीच अगर कोई सच्चा प्रहरी बचा है तो वो है संगठित पत्रकार, उपजा को अब यह भूमिका निभानी होगी.”
राजेन्द्र सिंह का दर्द – “TRP ने छीना पत्रकार का नैतिक बल”
वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र सिंह की बातें सुनकर कई पत्रकारों की आंखें नम हो गईं। उन्होंने कहा –
“TRP की अंधी दौड़ में न सत्य बचा है, न सरोकार। अब समय आ गया है कि हम पत्रकार फिर से ‘मिशन’ वाली पत्रकारिता की ओर लौटें – जहां सच बोलने की कीमत चुकानी पड़ती थी, पर सिर ऊंचा रहता था!”
महिलाओं की मांग – “हमें भी चाहिए मंच!”
जिले की जानी-मानी पत्रकार नीलम पांडेय और ममता कश्यप ने स्पष्ट कहा कि संगठन में महिलाओं को केवल दर्शक नहीं, निर्णायक की भूमिका देनी चाहिए। पत्रकार अमित मिश्रा ने भी इस मांग को खुलकर समर्थन देते हुए कहा –
“आज गोण्डा की कई महिला पत्रकार हर बीट पर दमदारी से काम कर रही हैं, उन्हें निर्णय लेने वाली टेबल पर बैठाने का समय आ गया है!”
सभी पत्रकारों का संगठित संकल्प – ‘अब आवाज़ उठेगी संगठित होकर!’
बैठक में उपस्थित हर पत्रकार ने महेश गुप्ता को जिला संयोजक बनाए जाने पर दिल से बधाई दी.