बदायूं: गुरुवार को पार्टी के आवाहन पर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ओमकार सिंह एवं शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष मोहम्मद असरार अहमद के संयुक्त नेतृत्व में जिला कांग्रेस कार्यालय परशुराम चौक से लेकर गांधी ग्राउंड तक कैंडल मार्च निकला. कांग्रेस कार्यकर्ता इकट्ठे हुए तभी कार्यालय को चारों तरफ से भारी पुलिस प्रशासन ने घेर लिया और कांग्रेस कार्यकर्ता कैंडल मार्च निकालने के लिए कार्यालय से निकले कुछ कदम चलने पर कैंडल मार्च को इंस्पेक्टर अशोक कुमार सिंह के साथ पुलिस फोर्स ने रोक लिया.
इंस्पेक्टर से जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ओमकार सिंह की काफी छीना झपटी हुई और कहां सुनी हुई परंतु फोर्स ने कैंडल मार्च नहीं निकलने दिया , कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए, पुलिस के दम पर यह सरकार नहीं चलेगी, नारे लगाते हुए अपना रोष प्रकट किया. कांग्रेस कार्यालय में ही महात्मा गांधी के चित्र के सम्मुख मोमबत्ती जलाकर शासन में प्रशासन को सद्बुद्धि देने की कामना की और संभल में मारे गए लोगों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की इस अवसर पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ओमकार सिंह ने कहा की कैंडल मार्च एक शांति का प्रतीक होता है इसको रोक कर शासन व प्रशासन ने संदेश दिया है की वह शांति में विश्वास नहीं रखते.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव जितेंद्र कश्यप ने कहा कि पुलिस द्वारा शांति मार्च को रोकने का कृत्य भी एक अलोकतांत्रिक प्रक्रिया है जो यह दर्शाता है कि सरकार राहुल गांधी से कितनी डरी हुई है. शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष असरार अहमद ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को संविधान में प्रावधान है कि वह पूरे देश में कहीं भी घटना की जानकारी देने जा सकता है. परंतु राहुल जी के यह कहने के बाद भी मैं अकेला ही पुलिस के साथ चला जाऊंगा, वहां लोगों से मिलने तब भी शासन प्रशासन ने उनको नहीं जाने दिया यह निश्चित रूप से संविधान की हत्या है.
इस अवसर पर जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष गौरव राठौर जिला कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष वीरेश तोमर मोरपाल प्रजापति एससी एसटी जिला कांग्रेस के अध्यक्ष महेंद्र कनौजिया, विधि प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सूरज पाल सिंह सोलंकी ,उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य डॉ राम रतन पटेल, जिला कांग्रेस के महासचिव इगलास हुसैन शहर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष अकील अहमद उपाध्यक्ष रफत अली जिला सचिव डॉ अनु दुबे डॉक्टर नासिर, सगीर सैफी, सत्तार, नरगिस इंदिरा शाहिदा आदि कार्यकर्ता व पदाधिकारी शामिल रहे.