गाजियाबाद में अपने साथी पर दर्ज मामले को निपटाने के लिए डीसीपी ऑफिस में धमकी देने वाले फर्जी आईपीएस को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. उसने डीसीपी ऑफिस में पीआरओ को कॉल पर धमकी दी थी कि अगर उसके दोस्त के खिलाफ दर्ज केस को वापस नहीं लिया गया तो वो इंदिरापुरम पुलिस के खिलाफ फिरौती के लिए अपहरण का केस दर्ज कराएगा, जिसके बाद उसके खिलाफ साहिबाबाद थाने में केस दर्ज किया गया.
पुलिस ने बताया कि खुद को मणिपुर कैडर के 1979 बैच का रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी बताने वाले अनिल कटियाल (68) और उसके सहयोगी विनोद कपूर (69) को दिल्ली और गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था. पुलिस ने कहा कि कटियाल ने वित्तीय लाभ कमाने और अनुचित लाभ पाने के लिए अपनी असली पहचान छिपाई. दोनों आरोपियों को गुरुवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जसवीर सिंह यादव के समक्ष पेश किया गया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया.
DCP के PRO को फोन पर दी थी धमकी
फर्जी आईपीएस अधिकारी ने डीसीपी ट्रांस हिंडन के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) नीरज राठौड़ को धमकी दी थी, जिन्होंने कटियाल के खिलाफ साहिबाबाद पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई थी. अपनी एफआईआर में पीआरओ राठौड़ ने कहा कि आरोपी ने 14 नवंबर को उनके आधिकारिक मोबाइल फोन नंबर पर फोन किया और अपनी पहचान अनिल कटियाल के रूप में बताई, जो मणिपुर कैडर के 1979 बैच के रिटायर्ड आईपीएस हैं और वर्तमान में गृह मंत्रालय (एमएचए) में सलाहकार के रूप में तैनात हैं.
फर्जी आईपीएस ने कथित तौर पर राठौड़ को बताया कि इंदिरापुरम पुलिस ने विनोद कपूर नामक व्यक्ति के खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज की और उसे एक अक्टूबर को हरियाणा से गिरफ्तार कर लिया.
इंदिरापुरम पुलिस पर कार्रवाई करने की दी थी धमकी
डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल ने बताया कि फोन कॉल के दौरान कटियाल ने पीआरओ राठौड़ को धमकी दी और कहा कि वो बीएनएस की धारा 140 (1) (हत्या या फिरौती के लिए अपहरण) के तहत इंदिरापुरम पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएगा. जिसके बाद इसमें शामिल पुलिस अधिकारी अपना जीवन जेल की सलाखों के पीछे बिताएंगे.
उसके सहयोगी ने भी सब-इंस्पेक्टर को दी थी धमकी
उन्होंने कहा कि कटियाल ने कथित तौर पर कपूर के खिलाफ कार्रवाई खत्म करने के लिए राठौड़ पर दबाव डाला. इस मामले में पुलिस ने कटियाल और कपूर के खिलाफ बीएनएस की धारा 308 (जबरन वसूली), 221 (सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में लोक सेवक को बाधा पहुंचाना), 204 (लोक सेवक का अपमान करना) और 318 (धोखाधड़ी) के तहत एफआईआर दर्ज की है. डीसीपी ने कहा कि कपूर जोकि इंदिरापुरम पुलिस मामले में आरोपी हैं. उसने भी इंदिरापुरम पुलिस थाने में जांच अधिकारी, सब-इस्पेक्टर प्रमोद हुडा को इसी तरह की धमकी दी थी.