Uttar Pradesh: रामनगरी में गेस्ट हाउस कांड के बाद जागा विकास प्राधिकरण, अवैध होटलों और गेस्ट हाउस पर सख्ती

अयोध्या: सांस्कृतिक और धार्मिक आस्था की प्रतीक, रामनगरी अयोध्या में एक शर्मनाक घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन को झकझोर कर रख दिया, बल्कि पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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हाल ही में एक महिला श्रद्धालु का स्नान करते समय वीडियो बनाए जाने की घटना सामने आने के बाद अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) की तंद्रा टूटी है। इस घटना ने गेस्ट हाउस और होम स्टे की निगरानी व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है, अब विकास प्राधिकरण ने रामनगरी में संचालित सभी होटलों, गेस्ट हाउस और होम स्टे की जांच का आदेश दिया है.

राजा गेस्ट हाउस में हुई घटना से मचा हड़कंप

घटना अयोध्याधाम क्षेत्र के ‘राजा गेस्ट हाउस’ की है, जहाँ शुक्रवार को एक महिला श्रद्धालु स्नान कर रही थी और उसी दौरान एक युवक ने चुपके से उसका वीडियो बना लिया, पीड़िता की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया, परंतु इसके बाद जो तथ्य सामने आए, उन्होंने प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए.

यह पाया गया कि जिस गेस्ट हाउस में यह घटना हुई, उसका भवन मानचित्र एडीए से स्वीकृत नहीं था. बिना अनुमति और सुरक्षा मानकों की अनदेखी करते हुए इस भवन में गेस्ट हाउस संचालित किया जा रहा था, इससे साफ है कि कई अन्य भवनों में भी इसी तरह के अवैध गेस्ट हाउस या होम स्टे संचालित हो सकते हैं.

प्राधिकरण ने दिखाई सख्ती, उपाध्यक्ष ने दिए जांच के आदेश

अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अश्विनी पांडेय ने तुरंत प्रभाव से नगरीय क्षेत्र में संचालित सभी होटलों, गेस्ट हाउस और होम स्टे की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि किसी भी अवैध निर्माण या बिना नक्शा स्वीकृति के संचालित हो रहे अतिथि गृहों को बख्शा नहीं जाएगा.

उन्होंने बताया, “इस घटना के बाद हमने तय किया है कि रामनगरी में चल रहे सभी अतिथि गृहों की गहन जांच कराई जाएगी। जो भी भवन बिना स्वीकृत नक्शे के पाए जाएंगे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।” साथ ही, इस मामले में क्षेत्रीय अवर अभियंता से भी जवाब तलब किया गया है कि आखिर यह भवन वर्षों से कैसे बिना अनुमति के संचालित हो रहा था.

अवस्थाओं पर गंभीर सवाल, श्रद्धालुओं की सुरक्षा खतरे में

यह सवाल अब पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गया है कि क्या प्रशासन को किसी अप्रिय घटना के बाद ही कार्रवाई करनी होती है? देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष अयोध्या आते हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा, गोपनीयता और सुविधा की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन और प्राधिकरण की होती है। लेकिन जब तक कोई घटना न हो, तब तक अवैध गेस्ट हाउसों की ओर ध्यान नहीं दिया जाता.

यह भी सामने आया है कि कई गेस्ट हाउस बिना सीसीटीवी, बिना महिला कर्मचारियों, और बिना सुरक्षा मानकों के संचालन कर रहे हैं। इससे महिला पर्यटकों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है, जो अयोध्या की धार्मिक गरिमा को भी आहत करती है.

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं

घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मच गई है, कई नेताओं और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है, वहीं, अयोध्या के स्थानीय लोगों में भी आक्रोश देखा गया। स्थानीय निवासी राम किशोर गुप्ता कहते हैं, “यह घटना सिर्फ एक महिला के साथ नहीं, बल्कि पूरे शहर की प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड़ है, प्रशासन को अब जागना ही पड़ेगा.”

महिला अधिकार संगठनों ने भी गेस्ट हाउस संचालकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की है और गाइडलाइंस बनाए जाने की अपील की है, ताकि श्रद्धालु महिलाएं सुरक्षित महसूस करें.

पर्यटन को नुकसान, विश्वास पर चोट

अयोध्या एक वैश्विक पर्यटन स्थल बन चुका है, राम मंदिर निर्माण के बाद यहाँ आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। ऐसी घटनाएं न केवल प्रशासन की छवि को धूमिल करती हैं, बल्कि श्रद्धालुओं के विश्वास को भी चोट पहुंचाती हैं। यह विश्वास बहाल करना अब प्रशासन की सबसे बड़ी चुनौती बन गया है.

भविष्य की कार्य योजना

अयोध्या विकास प्राधिकरण ने फिलहाल सभी अतिथि गृहों और होम स्टे की जांच शुरू कर दी है। इसके लिए टीम गठित की जा रही है जो नक्शा, लाइसेंस, सुरक्षा मानक और स्टाफ की वैधता की जांच करेगी। जो गेस्ट हाउस अवैध रूप से संचालित होते पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध सीलिंग, जुर्माना और एफआईआर तक की कार्रवाई की जाएगी.

उपाध्यक्ष अश्विनी पांडेय ने कहा कि अयोध्या की गरिमा बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, पर्यटकों की सुविधा और सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देशों का पालन कराना अनिवार्य किया जाएगा,

गेस्ट हाउस में महिला का वीडियो बनाए जाने की शर्मनाक घटना ने न केवल प्रशासनिक ढांचे की खामियों को उजागर किया है, बल्कि यह भी स्पष्ट किया है कि, धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए सतत निगरानी और पारदर्शिता बेहद आवश्यक है, अयोध्या जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक शहर में यदि अवैध निर्माण और लापरवाही पर समय रहते लगाम नहीं लगाई गई, तो यह न केवल श्रद्धालुओं के लिए खतरनाक हो सकता है बल्कि अयोध्या की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान पर भी प्रश्नचिह्न लगा सकता है। प्रशासन को अब इस चेतावनी को गंभीरता से लेकर भविष्य की रूपरेखा तय करनी होगी—क्योंकि यह सिर्फ एक गेस्ट हाउस की बात नहीं, बल्कि रामनगरी की गरिमा की बात है.

 

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