जसवंतनगर: उत्तर प्रदेश के जसवंतनगर स्थित रेलमंडी रेलवे क्रॉसिंग पर बना रेलवे ओवरब्रिज इन दिनों राहगीरों के लिए मौत का कुआं साबित हो रहा है. पुल की ऊपरी सीढ़ियां बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जो किसी भी समय बड़े हादसे का कारण बन सकती हैं. स्थानीय निवासियों ने इस खतरनाक स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है और संबंधित अधिकारियों से तत्काल मरम्मत कार्य कराने की गुहार लगाई है.
स्थानीय निवासियों, जिनमें सुधीर यादव, राजीव यादव, सत्यवीर यादव और प्रशांत यादव प्रमुख हैं, ने बताया कि ओवरब्रिज की सीढ़ियां लंबे समय से खराब हालत में थीं, लेकिन अब स्थिति भयावह हो गई है. उन्होंने विशेष रूप से ऊपरी सीढ़ी की ओर इशारा करते हुए कहा कि वह पूरी तरह से टूटकर लगभग आधा फुट नीचे धंस गई है. यह स्थिति इतनी खतरनाक है कि उस पर पैर रखते ही सीढ़ी टूटकर गिर सकती है, जिससे गंभीर चोटें आ सकती हैं या फिर जान भी जा सकती है.
यह ओवरब्रिज न केवल रेलवे स्टेशन से आने-जाने वाले यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है, बल्कि रेलमंडी के स्थानीय निवासियों और व्यापारी वर्ग के लिए भी दैनिक आवागमन का एक अभिन्न हिस्सा है। इसके बावजूद, आश्चर्य की बात है कि संबंधित विभाग, चाहे वह लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) हो, रेलवे विभाग हो या फिर नगरपालिका परिषद, ने अभी तक इस गंभीर समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया है। उनकी उदासीनता स्थानीय लोगों में गहरा रोष पैदा कर रही है.
नगर के निवासियों और विशेष रूप से स्कूली छात्रों, जो प्रतिदिन इस पुल का उपयोग करते हैं, ने विभागीय अधिकारियों से विनम्र आग्रह किया है कि वे तत्काल इस मामले का संज्ञान लें और आवश्यक मरम्मत कार्य को प्राथमिकता दें। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो वे अपनी सुरक्षा के लिए आंदोलन करने पर बाध्य होंगे। उनका कहना है कि किसी बड़ी दुर्घटना के होने का इंतजार करना गैर-जिम्मेदाराना होगा.
इस गंभीर मुद्दे पर जब सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक ए.के. सिंह से संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि यह पुल सेतु निगम द्वारा निर्मित किया गया है. उन्होंने आश्वासन दिया कि वे स्थिति की जांच कराएंगे और जल्द ही समस्या का उचित समाधान निकालेंगे.
अब देखना यह है कि सेतु निगम कितनी तत्परता से इस पर कार्रवाई करता है और कब तक जर्जर सीढ़ियों की मरम्मत का कार्य शुरू हो पाता है। स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि कोई अनहोनी होने से पहले अधिकारी जागेंगे और इस खतरे को दूर करेंगे। यह पुल अब सुविधा की बजाय लोगों के लिए डर का पर्याय बन गया है.