Uttar Pradesh: सहारनपुर में भाजपा की अंदरूनी कलह अब तक शांत नहीं हुई है, और पार्टी के भीतर का सत्ता संघर्ष एक नए मोड़ पर पहुंच चुका है, नवनियुक्त महानगर अध्यक्ष शीतल बिश्नोई के स्वागत समारोह के पोस्टर में पूर्व सांसद राघव लखनपाल शर्मा और मौजूदा जिलाध्यक्ष डॉ. महेंद्र सैनी की तस्वीरें न होने से पार्टी में नई गुटबाजी की चिनगारी जल उठी है.
सोशल मीडिया पर शुरू हुई इस चर्चा ने भाजपा में बिखरे हुए खेमों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है, दरअसल, भाजपा द्वारा शीतल बिश्नोई को महानगर अध्यक्ष बनाए जाने के बाद पार्टी के भीतर यह सवाल उठने लगा कि इस फैसले के पीछे एक विधायक की अहम भूमिका है, जो न केवल बिश्नोई के लिए लाबिंग कर रहे थे, बल्कि उन्होंने राघव लखनपाल शर्मा और उनके समर्थकों के खिलाफ भी खेमेबंदी की, पार्टी के पोस्टर में प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की तस्वीरों के बावजूद राघव लखनपाल शर्मा का नाम तक गायब कर दिया गया. इस कदम से भाजपा में गुटबाजी और बढ़ गई है, पार्टी कार्यकर्ता और नेता सोशल मीडिया पर एक-दूसरे के खिलाफ खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं, यहां तक कि कुछ लोगों ने यह तक लिख डाला कि “अब पुराने नेताओं का क्या काम, नए चेहरों को तवज्जो मिलनी चाहिए,” इस घटनाक्रम ने त्यागी भूमिहार ब्राह्मण महासभा के त्यागी को उकसा दिया.
उन्होंने भाजपा के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं, और कहा कि विधायक राजीव गुंबर और महानगर अध्यक्ष शीतल बिश्नोई ने जानबूझकर राघव लखनपाल शर्मा का अपमान किया है, कहा कि भाजपा की यह साजिश उनके समाज के खिलाफ है, और 2027 के चुनाव में इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.
त्यागी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने त्यागी ब्राह्मण समाज को राजनीतिक रूप से समाप्त करने का षड्यंत्र रचा है, और अब समाज के लोग इसे नजरअंदाज नहीं करेंगे, उनके मुताबिक, राघव लखनपाल शर्मा जैसे नेता का सम्मान न कर भाजपा ने अपने खिलाफ एक बड़ा मोर्चा खोल लिया है, इसके साथ ही भाजपा में गुटों के बीच में यह लड़ाई और तेज हो गई है.