चंदौली: नौकरी के नाम पर ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है. सकलडीहा कोतवाली क्षेत्र के देवरापुर गांव निवासी मनीष यादव से जालसाजों ने बिहार में न्यायालय में नौकरी दिलाने के नाम पर 29 लाख रुपये ठग लिए। ठगों ने मनीष को विश्वास में लेने के लिए फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी दिया, जिसके आधार पर मनीष ने छह महीने तक काम किया. बाद में पता चला कि उसकी नौकरी ही फर्जी थी.
मनीष की शिकायत पर सकलडीहा कोतवाली में सात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ, लेकिन छह महीने बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. निराश मनीष ने अब एसपी से न्याय की गुहार लगाई है.
पत्रकारों से बातचीत में मनीष ने बताया कि चार साल पहले गांव के ही एक व्यक्ति ने बिहार के पटना निवासी किसी अन्य व्यक्ति का हवाला देते हुए नौकरी का वादा किया. प्रशांत ने मनीष से 12 लाख रुपये की मांग की और बाद में किस्तों में कुल 29 लाख रुपये ले लिए. मनीष के साथ ही जिले के तीन और लोगों से पैसे लेकर उन्हें फर्जी ज्वाइनिंग लेटर थमा दिए गए.
चारों पीड़ित नौकरी के लिए मुजफ्फरपुर के व्यवहार न्यायालय पहुंचे और तीन से नौ महीने तक काम भी किया, लेकिन उन्हें तनख्वाह नहीं मिली. जब अधिकारियों से संपर्क किया गया तो पता चला कि उनकी नियुक्ति ही फर्जी थी.
यह घटना न केवल बेरोजगार युवाओं के साथ धोखाधड़ी की गंभीरता को उजागर करती है, बल्कि प्रशासन की उदासीनता पर भी सवाल खड़े करती है. मनीष ने ठगी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. मामला अभी भी जांच के घेरे में है.