Uttar Pradesh: सुल्तानपुर जिले के धनपतगंज ब्लॉक में रहने वाले किसान अशोक पाण्डेय ने वह कर दिखाया है जिसे अब तक असंभव माना जाता था. उन्होंने ठंडी पहाड़ियों में उगने वाले फल सेब की सफल खेती मैदानी इलाके में कर सभी को चौंका दिया है. जनवरी 2024 में अशोक ने हिमाचल प्रदेश से हर्मन 99, अन्ना और डोरसेन गोल्ड किस्म के 50 सेब के पौधे मंगवाए.
उन्होंने मात्र 50 हजार रुपये में अपनी जमीन पर एक नर्सरी तैयार की और कृषि विशेषज्ञों की मदद से पौधों को लगाया. विशेषज्ञों ने पहले वर्ष एक-दो फल लगने की संभावना जताई थी, लेकिन हर पौधे पर 5 से 7 किलो तक सेब निकल आए, जो खुद कृषि वैज्ञानिकों के लिए भी आश्चर्य का विषय बन गया. अशोक ने बगीचे में केवल जैविक खाद का इस्तेमाल किया. किसी भी रासायनिक खाद या कीटनाशक का उपयोग नहीं किया गया. इससे फल न सिर्फ स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक बने, बल्कि किसी भी प्रकार की बीमारी का प्रकोप भी नहीं हुआ. इस अप्रत्याशित सफलता से उत्साहित अशोक अब 200 और सेब के पौधे लगाने की योजना बना रहे हैं. इसके अलावा वह मौसम्मी और संतरे की खेती भी शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं.
इस दिशा में उनकी कृषि विशेषज्ञों से बातचीत चल रही है. अशोक का सेब बाग अब स्थानीय आकर्षण का केंद्र बन गया है. उनके गांव ही नहीं, आसपास के जिलों से भी किसान और कृषि विभाग के लोग इसे देखने पहुंच रहे हैं. पहाड़ों से मैदानी इलाकों तक सेब की खेती की बदलती तस्वीर अशोक की यह पहल साबित करती है कि अब सेब की खेती सिर्फ ठंडी पहाड़ी जलवायु तक सीमित नहीं रह गई है. यदि पौधों को सही देखभाल और आवश्यक वर्षा और ठंडक दी जाए, तो मैदानी क्षेत्रों में भी सेब की सफल खेती संभव है.
अशोक का कहना है कि यदि सरकार की किसी योजना से उन्हें मदद मिले, तो वे इस खेती को और व्यवसायिक स्तर पर ले जा सकते हैं. इससे अन्य किसानों को भी प्रेरणा मिलेगी और परंपरागत फसलों से आगे बढ़कर लाभदायक फलोत्पादन की दिशा में कदम उठाया जा सकेगा.