Uttar Pradesh: हत्या के आरोप में ससुर ने काटी जेल, पत्नी ने 15 साल बेवा जैसी जिंदगी जी… युवक दूसरी शादी कर लौटा घर

लखीमपुर खीरी: जिस युवक की हत्या के आरोप में उसके ससुर जेल में रहे. पहली बीवी 15 साल बेवा का जीवन जीती रही, असालत नाम का युवक बिना किसी को बताए लखनऊ में गया तो था पैसे कमाने, पर वहां कुछ माह बाद दूसरी शादी कर ली और अपने परिवार को ही भूल गया. असालत तो अपने घर लौटना ही नहीं चाहता था, पर दूसरी पत्नी के काफी दबाव बनाने पर वह यहां आया तो अब उसके घर व ससुरालवालों को समझ नहीं आ रहा कि खुशी मनाएं या बीते दर्द भरे दिनों की याद का दुख.

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ये है मामला

नीमगांव थाना क्षेत्र के सिकंदराबाद निवासी कल्लन बेग ने अपनी पुत्री सुफिया की शादी मैलानी थाना क्षेत्र के कुकरा निवासी असालत के साथ 16 साल पहले की थी। करीब 15 वर्ष पूर्व असालत ससुराल आया था और यहीं से कहीं गायब हो गया था. उसके परिजनों ने 2013 में कोर्ट के आदेश पर ससुर समेत छह लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें ससुर कल्लन बेग करीब दो माह से अधिक जेल में रहे थे. बाद में इस मुकदमे में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। अब असालत चार दिन पहले घर वापस लौट आया है. उसके साथ उसकी दूसरी पत्नी रुबीना और चार बच्चे भी हैं.

पुलिस ने असालत से की पूछताछ 

असालत के 15 साल बाद अपने घर वापस आने की बात पता चलने पर उसके ससुरालवालों ने पुलिस को सूचना दी थी. इस पर नीमगांव पुलिस ने असालत को थाने लाकर पूछताछ की। बताया जा रहा है कि पूछताछ में ये बात सामने आई है कि पहले कबाड़ का काम करने वाला असालत अच्छी कमाई न होने और कर्ज की वजह से बिना किसी को बताए लखनऊ चला गया था. उसने वहां सिलाई-कढ़ाई का काम किया.

रुबानी से किया प्रेम विवाह 

पहले तो वह कुछ पैसे कमा लेने के बाद घर वापस लौट आना चाहता था, पर कुछ महीनों बाद मल्लावां, हरदोई की रुबीना से उसका प्रेम प्रसंग हो गया. इसके बाद असालत ने रुबीना से शादी कर ली और उसके साथ कुछ साल लखनऊ में ही रहा. इसके बाद दोनों गाजियाबाद जाकर वहां रहने लगे. उनके चार बच्चे भी हो गए. बताया जा रहा है कि असालत अपने घर नहीं लौटना चाहता था, पर पिछले कुछ समय से रुबीना यहां आने के लिए उस पर दबाव बना रही थी. इसी के चलते वह वापस लौट आया.

मुआवजा व आजीवन खर्च उठाने की मांग

असालत के वापस लौटने के बाद उसकी पहली पत्नी सुफिया ने मांग की है कि जो 15 वर्ष उसने व उसके बच्चे ने अकेले काटे हैं, उसका मुआवजा असालत दे. साथ ही उसका व पुत्र अल्तमश का जीवत रहने तक का खर्चा उठाए। उधर असालत के ससुर कल्लन बेग ने बताया कि उनकी लड़कियों की शादी नहीं हो रही थी. लोग कहते थे इस घर में शादी नहीं करेंगे, यहां तो दामाद ही मार डाले जाते हैं। उन्होंने रोते हुए कहा कि जिंदा रहते उन पर लगा कलंक अब साफ हो गया.

नीमगांव थाने के प्रभारी निरीक्षक आलोक कुमार धीमान ने कहा कि मुकदमा हत्या की धारा में दर्ज हुआ था. 2015 में उस मुकदमे में एफआर लग गई थी. अब कोई अपराध न बनने के कारण असालत को परिजनों को सौंप दिया गया है.

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