Uttar Pradesh: श्रावस्ती जिले के लक्ष्मननगर के बेड़सरी में एक निजी महिला चिकित्सक पर बगैर जांच आठ माह का गर्भ को गिराने का आरोप लगा है. पीड़िता ने लक्ष्मननगर पुलिस से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है. वहीं, पीड़िता की शिकायत के बाद जांच करने पहुंची स्वास्थ्य टीम को क्लीनिक बंद मिला. इस पर टीम ने नोटिस चस्पा कर तीन में क्लीनिक संचालन के कागजात मांगे हैं.
लक्ष्मननगर चौकी पुलिस को दिए शिकायती पत्र में सोनवा क्षेत्र के दूबकला निवासी नीतू का आरोप है कि वह आठ माह की गर्भवती थी। सात जुलाई को उन्हें पेटदर्द हुआ। इलाज कराने लक्ष्मननगर-गिलौला मार्ग स्थित बेड़सरी में डाॅ. खुशबू की क्लीनिक पर गईं। वहां डॉ. खुशबू ने बिना किसी जांच के बताया कि पेट में बच्चा सूख रहा है. इससे जच्चा-बच्चा दोनों को खतरा है. इसके बाद चिकित्सक ने पीड़िता को पांच दिन के लिए भर्ती कर बच्चे की सफाई कर दी. खून जारी रहने पर तीन बार सफाई की और उसके एवज में पैसे भी लिए। हालत बिगड़ने पर पीड़िता को इलाज कराने के लिए बहराइच जाने को कहा. पीड़िता ने बताया कि उसके पास उपचार का वीडियो भी मौजूद है। पीड़िता ने पुलिस से जांच कर कार्रवाई की मांग की है.
एसीएमओ डीके सिंह ने बताया कि पीड़िता की शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने क्लीनिक का निरीक्षण किया. क्लीनिक बंद मिलने पर वहां नोटिस चस्पा कर तीन दिन में क्लीनिक संचालन से जुड़ें कागजात भी तलब किए हैं.
वही इस दौरान क्लिनिक भी बंद मिला है और महिला डॉक्टर से संपर्क भी नहीं हो पाया है.