Uttar Pradesh: ठगी के भी तरीके रोज नए-नए आ रहे हैं और ऐसा ही एक ठगी का मामला सैदपुर थाना अंतर्गत आया जब एक मां बाप ने अपनी बेटी की शादी में एक बाइक फाइनेंस करा कर दहेज में दिया था और उसकी कई किश्त न जमा होने पर ठग ने फाइनेंस कंपनी का एजेंट बताकर उससे करीब 26000 रुपए ले लिए और इसके बाद जब उनका दामाद इस बाइक से वाराणसी जा रहा था तो फाइनेंस कंपनी ने उसके बाइक को जप्त कर लिया और बताया कि बाइक की किस्त जमा नहीं है. इसकी जानकारी पर पीड़ित माता-पिता के होश उड़ गए तब उन्हें पता चला कि वह ठगे जा चुके हैं. साइबर ठगी में पुलिस की कार्यवाही के बाद अब ठगों ने अपना तरीका बदल दिया है और अब नए तरीके से लोगों को अब अपना शिकार बना रहे हैं.
ऐसा ही मामला सैदपुर थानाक्षेत्र के भदैला निवासी के साथ हुआ है. ठग ने खुद को गाड़ी फाइनेंस कम्पनी का एजेंट बताकर उससे 23 हजार रुपए की धोखाधड़ी कर ली और पीड़ितों को मामले का पता तब चला, जब कई दिनों के बाद कंपनी के नाम पर कुछ लोगों ने किश्त न जमा होने पर उनकी गाड़ी को जब्त कर लिया. जिसके बाद पीड़ित ने अब पुलिस से न्याय के लिए गुहार लगाया है. भदैला गांव के रहने वाले किसान पप्पू राजभर के बेटे मोनू राजभर ने अपनी शिकायत में बताया कि उसने कुछ माह पूर्व अपनी बहन की शादी की थी. शादी में दहेज के रूप में उन्होंने फाइनेंस पर एक बाइक दहेज में दी थी. जिसकी किश्त वो लगातार जमा करता था. बीते 16 जून को उसके घर पर 2 युवक आए और खुद को फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी बताते हुए ससुराल जाकर बाइक को जब्त करने की बात कही. कहा कि बाइक की किश्त नहीं भरी जा रही है. ऐसे में ससुराल में बेटी का सम्मान बचाने की गरज से मोनू ने एटीएम से 26 हजार रूपए निकालकर उन्हें दिए.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
इधर रूपए देने के बाद 2 जुलाई को उनका दामाद बाइक लेकर वाराणसी जा रहा था तो वहां फाइनेंस कंपनी ने उससे उसकी बाइक लेकर जब्त कर लिया और बताया कि बाइक की किश्त नहीं जमा हुई है. जिसके बाद उसने इसकी जानकारी ससुराल में दी तो मोनू व उसके पिता के होश उड़ गए और उन्हें ठगे जाने का पता चला. जिसके बाद उन्होंने थाने में जाकर पुलिस को पूरी बात बताई. उसने बताया कि उन्होंने जो 26 हजार रूपए दिए थे, वो 2 बिस्वा जमीन गिरवी रखकर दिए थे. ऐसे में अब वो दोनों तरफ से फंस गए हैं.
वहीं उसने ये भी आशंका जताई कि उससे वाराणसी में जिन्होंने खुद को फाइनेंस कंपनी बताकर बाइक जब्त की है, उनका भी नाम, पता नहीं मालूम है. सिर्फ उन्होंने एक मोबाइल नंबर दिया है. ऐसे में आशंका है कि फर्जी एजेंटों के बाद संभव है कि कंपनी के नाम पर फर्जी लोगों ने उसकी बाइक छीन ली हो.