उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में शुक्रवार को भीषण आग लगने से कम से कम 10 बच्चों की मौत हो गई, जबकि 16 अन्य गंभीर घायल हो गए. यह हादसा शॉर्ट सर्किट की वजह से हुआ माना जा रहा है. आग लगने से अस्पताल में अफरातफरी मच गई. परिजन और मरीज जान बचाने के लिए भागने लगे, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई. फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर 37 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला. हादसे के समय NICU में कुल 54 बच्चे भर्ती थे.
झांसी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट हो सकती है. मामले की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
Jhansi, Uttar Pradesh: A massive fire broke out in the NICU of Maharani Laxmibai Medical College, claiming the lives of 10 newborns. The tragedy occurred on Friday night in the Pediatric Ward (SNCU). Six fire brigade vehicles are at the scene, and 40 children have been rescued.… pic.twitter.com/nHp0hVgckm
— IANS (@ians_india) November 15, 2024
सीएम योगी ने जताया शोक, जांच के निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को “दिल दहला देने वाला” बताया और घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
जनपद झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के NICU में घटित एक दुर्घटना में हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुःखद एवं हृदयविदारक है।
जिला प्रशासन तथा संबंधित अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों को संचालित कराने के निर्देश दिए हैं।
प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 15, 2024
उन्होंने एक्स पर लिखा, “झांसी जिले के मेडिकल कॉलेज के NICU में हुई दुर्घटना में बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद एवं हृदयविदारक है. जिलाधिकारी और संबंधित अधिकारियों को युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य करने का निर्देश दिया गया है. मैं प्रभु श्री राम से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्माओं को शांति और घायलों को शीघ्र स्वस्थ करें.” मुख्यमंत्री ने मंडलायुक्त और पुलिस उपमहानिरीक्षक (DIG) से 12 घंटे के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
मुख्यमंत्री के निर्देश पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और स्वास्थ्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा झांसी के लिए देर रात ही रवाना हो गए. जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) सुधा सिंह और पुलिस उपमहानिरीक्षक (DIG) सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और बचाव कार्यों का जायजा लिया. SSP सुधा सिंह ने बताया कि 16 घायल बच्चों का इलाज चल रहा है और उन्हें बचाने की हरसंभव कोशिश की जा रही है. सभी चिकित्सक और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं.
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (SNCU वार्ड) में शुक्रवार को हुए भीषण अग्निकांड में कई नवजात शिशुओं की मौत पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने गहरा शोक व्यक्त किया. उन्होंने इसे अत्यंत दुःखद और हृदयविदारक घटना बतायाय
डिप्टी सीएम का बयान
Jhansi Update: Deputy Chief Minister Brajesh Pathak inspected the neonatal ward of Jhansi Medical College, where a tragic fire claimed the lives of 10 newborns.
He announced a two-tier investigation—by the administration and police. Compensation will be provided to the deceased… pic.twitter.com/kV1vCDLpnG
— IANS (@ians_india) November 16, 2024
बृजेश पाठक ने सोशल मीडिया पर घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, “झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के SNCU वार्ड में अग्निकांड की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में कई नवजात शिशुओं की मृत्यु अत्यंत दुःखद एवं हृदयविदारक है.” उन्होंने जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं. डिप्टी सीएम ने कहा कि वह स्वयं दुर्घटना स्थल पर पहुंच रहे हैं और राहत कार्यों की निगरानी करेंगे. उन्होंने प्रभु श्री राम से प्रार्थना करते हुए कहा,
“पुण्यात्माओं को शांति और घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें.”
Breaking: In a heart wrenching incident, 10 newborns died after NICU at Jhansi Medical College in UP's Jhansi district caught fire. pic.twitter.com/R7hRyHfV5Y
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) November 15, 2024
आग कैसे लगी, होगी जांच
प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को हादसे की वजह माना जा रहा है. SSP ने कहा, “इस घटना के पीछे किन परिस्थितियों या लापरवाही की वजह से आग लगी, इसकी विस्तृत जांच की जा रही है.” उन्होंने यह भी बताया कि हादसे के बाद कुछ माता-पिता अपने बच्चों को घर ले गए. NICU में भर्ती बच्चों की स्थिति का सत्यापन किया जा रहा है. मेडिकल कॉलेज ने बताया कि हादसे के समय 52 से 54 बच्चे NICU में भर्ती थे, जिनमें से 10 की मौत हो गई और 16 का इलाज चल रहा है.”
1968 में शुरू हुआ यह सरकारी मेडिकल कॉलेज बुंदेलखंड क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक है. घटना के बाद NICU में बचाव कार्य रात 1 बजे तक पूरा कर लिया गया. अधिकारियों ने कहा कि घटना से संबंधित सभी तथ्यों को खंगालने के बाद रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी.