भारतीय जनता पार्टी से बलिया के फेफना विधामसभा से विधायक और प्रदेश के मंत्री रहे उपेंद्र तिवारी ने अपने ही सरकार में सरकारी सिस्टम की पोल खोल दी है. मामला बलिया शहर और गांवों में बिजली आपूर्ति से जुड़ा है. जिले में बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से संचालित नही होना, पूर्व मंत्री ने उपेंद्र तिवारी ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया.
आप को बताते चले कि कुछ दिन पूर्व सगरपाली गांव के निवासी व भाजपा नेता मुन्ना बहादुर सिंह क्षेत्र के दर्जनों से अधिक गांवों में बिजली आपूर्ति ठप होने की शिकायत लेकर कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता लाल सिंह से मिलने पहुंचे थे. इस दौरान अधीक्षण अभियंता और भाजपा नेता के बीच वाद विवाद हुआ और मामला मारपीट तक पहुंच गया. जहां भाजपा नेता ने जूता निकाल कर अधीक्षण अभियंता पर हमला बोल दिया.
इस मामले में मुन्ना बहादुर सिंह पर गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है. मुन्ना बहादुर भाजपा के न केवल एक सक्रिय कार्यकर्ता है बल्कि अपने क्षेत्र के कर्मठ व चर्चित समाजसेवी भी है जो अपने क्षेत्रीय जनता के लिए 24 घण्टे खड़े रहते है. जिनके जेल जाने के बाद पूरे जनपद के लोगो मे आक्रोश व्याप्त है और हर कोई मुन्ना बहादुर के साथ खड़ा होने का दावा कर रहा है यही नही सोशल मीडिया पर मुन्ना बहादुर के समर्थन में लोग प्रतिक्रिया दे रहे है.
वही विपक्ष भी सत्ता पक्ष पर निशाना साधते नज़र आ रहा है. समर्थकों का आरोप है कि यह कार्यवाही एक तरफा किया गया है जबकि मुन्ना बहादुर जनता की समस्या लेकर अधिकारी से मिलने गए थे जहां अधिकारी के द्वारा दुर्व्यवहार किया गया और समस्या को नज़र अंदाज़ किया गया सरकार को बदमान करने का प्रयास किया गया.
वही इस मामले पर पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया कहा जहां तक बिजली विभाग की बात है तो बिजली आपूर्ति को लेकर अधिकारियों से हमारी कई बार वार्ता हुई है. कहा प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री ने शहरों में 24 घण्टे और ग्रामीण क्षेत्रो में 20 घंटा बिजली आपूर्ति देने की बात कही है. बिजली विभाग पर सवाल खड़ा करते हुए कहा जिस तरह राज्य और केंद्र की सरकार बिजली आपूर्ति जनता तक पहुंचाना चाहती है कही न कही बिजली विभाग की लापरवाही के चलते आपूर्ति नही हो पा रही है जो दुर्भाग्यपूर्ण है. मुन्ना बहादुर मामले पर कहा कि अगर बिजली विभाग ने बिजली आपूर्ति सप्लाई दे दिया होता तो जो भी कार्यकर्ता बिजली विभाग गए थे उन्हें जाने की जरूरत ही नही पड़ती. पूर्व मंत्री ने मुन्ना बहादुर का समर्थन करते हुए कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है मुन्ना बहादुर भले हमसे नाराज है लेकिन आज भी वो मेरे दिल मे है. कहा ये लड़ाई केवल मुन्ना बहादुर की नही बल्कि पूरे क्षेत्र की लड़ाई है.