Uttar Pradesh: राम मंदिर आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले साधु-संतों के नाम पर राम मंदिर के सभी चारों प्रमुख प्रवेश द्वार का नाम होगा. श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के सुझाव पर मंदिर निर्माण समिति की बैठक में इस संबंध में सहमति बन गई है. जल्द ही विचार-विमर्श के उपरांत नामकरण किया जाएगा. शनिवार को यह जानकारी मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने पत्रकारों से बातचीत में दी.
राम मंदिर निर्माण कार्य में तेजी, 60% काम पूरा
राम मंदिर निर्माण कार्य जोर-शोर से जारी है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों ने मंदिर परिसर का निरीक्षण किया और कार्य प्रगति की समीक्षा की. बैठक में अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि मंदिर परिसर में परकोटे के निर्माण का 60% कार्य पूरा हो चुका है. अब केवल तीन लाख क्यूबिक फीट पत्थर लगाने का कार्य शेष है. यह कार्य जून 2025 तक पूरा होने की संभावना है.
मंदिर की फिनिशिंग और मूर्ति स्थापना पर फोकस
राम मंदिर के प्रथम और द्वितीय तल की फिनिशिंग का कार्य भी तेजी से चल रहा है. प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना का कार्य जल्द शुरू होगा. जनवरी के पहले सप्ताह में जयपुर में बन रही मूर्तियों का अंतिम निरीक्षण किया जाएगा.
पुष्करिणी सरोवर का काम शुरू
सप्तर्षियों के मंदिरों के मध्य बनने वाले पुष्करिणी सरोवर का निर्माण कार्य भी आरंभ हो गया है, सरोवर की ड्राइंग और डिजाइन पर चर्चा हो चुकी है, और इसके साथ अन्य मंदिरों का कार्य भी गति में है.
बैठक में उपस्थित प्रमुख लोग
बैठक में ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, सदस्य डॉ. अनिल मिश्र, राम मंदिर व्यवस्थापक गोपाल राव, आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा, टाटा कंसल्टेंसी के परियोजना निदेशक वी.के. शुक्ल, और एलएंडटी के परियोजना निदेशक वी.के. मेहता समेत कई प्रमुख अधिकारी शामिल हुए.
विकसित भारत की आधारशिला पर चर्चा
बैठक के दौरान नृपेंद्र मिश्र ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि 1991 में उनकी आर्थिक नीतियों ने विकसित भारत की आधारशिला रखी थी. साथ ही उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री के प्रति शोक संवेदना भी व्यक्त की.
परकोटा और अन्य मंदिरों का काम तय समय पर पूरा करने का लक्ष्य
ट्रस्ट ने तय किया है कि सभी निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा में पूरे किए जाएंगे. जून 2025 तक परकोटा और परिसर में बन रहे छह मंदिरों का काम पूरा करने की योजना है.