Uttar Pradesh: सुल्तानपुर जिले में आईएएस की नौकरी दिलाने का झांसा देकर अधिवक्ता उनके पुत्र व उसके साथियों ने लाखों रुपये की ठगी कर डाला. एसपी के निर्देश कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज किया गया है. प्रांजल ने बताया कि उन्होंने 2022 में यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा दी थी.
इस दौरान उनकी मुलाकात कूरेभार के पिपरी साईं नाथपुर निवासी अधिवक्ता बजरंग द्विवेदी के पुत्र प्रणव द्विवेदी से हुई. प्रणव उनके घर आने-जाने लगा और परिवार का विश्वास जीत लिया. प्रणव ने दावा किया कि उसके कई केंद्रीय मंत्रियों से संबंध हैं. वह कई लोगों को आईएएस-पीसीएस बनवा चुका है। प्रणव ने 18 जनवरी 2023 को लखनऊ में प्रांजल को यूपीएससी मेन्स और इंटरव्यू का एडमिट कार्ड दिया। इस पर प्रांजल की फोटो लगी थी. आरोपी ने अलग-अलग बैंक खातों में पैसे मंगवाए. उसने अपने पिता बजरंग के खातों में 26.50 लाख, पड़ोसी मनीष दूबे के खाते में 7 लाख, मित्र श्रेयांश अग्रहरि के खाते में 80 हजार और दीपक पटेल की दुकान पर 2 लाख रुपये मंगवाए. इसके अलावा गूगल पे से 10,500 रुपये की ठगी की. प्रणव ने अपने साथी राज मिश्रा के जरिए भारत सरकार की मुहर वाला फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिया. इस पर नियुक्ति की तारीख 22 जून 2023 अंकित थी। हालांकि, वह नियुक्ति कराने में असफल रहा.
आरोपी प्रणव ने अगस्त 2024 में पीड़ित के पड़ोसी मनीष दूबे को कूरेभार पेट्रोल पंप पर भारत सरकार की फर्जी मुहर वाला नियुक्ति पत्र दिलवाया। प्रणव ने पीड़ित को सीडीओ, डीएम, एसडीएम जैसे पदों पर नियुक्ति का झांसा दिया. उसने मीडिया या पुलिस में शिकायत न करने की धमकी भी दी और कहा कि ऐसा करने पर मंत्री और उनके पुत्र पूरे परिवार की हत्या करवा देंगे. दिसंबर 2024 में प्रणव ने पीड़ित की बलेनो कार गिरवी रखने का प्रस्ताव रखा। उसने एक योजना बनाई जिसमें पैसों के लेन-देन से बड़ा ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट तैयार किया जाना था। इसके लिए वह कभी पड़ोसी आशीष दूबे की डिजायर कार से आकर पैसों का बैग ले जाता, तो कभी मनीष दूबे के माध्यम से पैसे मंगवाता। इस तरह 12-14 लाख रुपये का ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट तैयार हुआ। अब प्रणव के पिता बजरंग इसी स्टेटमेंट के आधार पर पैसे देने का दावा कर रहे हैं. प्रणव ने कई फर्जी आरटीजीएस स्लिप भी भेजीं.
आरोपियों ने पीड़ित को कई बार लखनऊ में होटल और दीपक तिवारी के फ्लैट पर हफ्तों तक रुकवाया. शिकायतकर्ता के अनुसार, आरोपियों ने उनके परिवार से करोड़ों रुपए की ठगी की है. परिवार ने यह राशि कर्ज लेकर और गहने बेचकर जुटाई थी। प्रांजल का आरोप है कि आरोपी उन्हें आधी रात को पैसों के लिए बुलाते थे. लेकिन खुद कभी नहीं आते थे। प्रणव द्विवेदी ने एक फर्जी एग्रीमेंट बनाकर पैसे न लौटाने की धमकी भी दी. शिकायतकर्ता के पास सभी चैट, स्क्रीन शॉट, कॉल रिकॉर्डिंग और बैंक स्टेटमेंट मौजूद हैं. एसपी कुंवर अनुपम सिंह से प्रांजल ने शिकायत किया। जिस पर प्रणव द्विवेदी, बजरंग द्विवेदी, मनीष द्विवेदी, आशीष द्विवेदी, राज मिश्रा, श्रेयांश अग्रहरि और दीपक पटेल पर केस दर्ज हुआ है। अपर पुलिस अधीक्षक अखंड प्रताप सिंह ने बताया कि कोतवाली नगर में एक व्यक्ति की तहरीर पर आईएएस बनाने के नाम पर 38 लाख की ठगी का मुकदमा दर्ज हुआ है। इसमें विवेचना प्रचलित है। प्रथम दृश्या मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा है। बाकी इसमें जो भी साक्षय मिलेंगे उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा है कि कोई गिरोह शामिल है ऐसा प्रतीत नहीं हो रहा है.