आवारा कुत्तों की गंभीर समस्या को लेकर रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने निलाय ग्रीन सोसायटी पहुंचे और सैकड़ों लोगों के साथ RWA द्वारा आयोजित की गई थी. सोसायटी निवासियों ने गोयल को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद कुछ लोग सोसायटी और सड़कों पर अभी भी कुत्तों को खिला रहे हैं. काटने और आतंकित करने वाले कुत्तों को भी हटाया नहीं जा रहा है, जो अदालत के निर्देशों का उल्लंघन है.
सोसायटी की निवासी प्रियांशी ने कहा कि उनका बेटा मार्शल आर्ट सीखना चाहता था, लेकिन आवारा कुत्तों के डर से बाहर निकलने में भय महसूस करता है. वहीं, सोसायटी सदस्य चंद्रशेखर ने शिकायत की कि पुलिस उनकी सुनवाई नहीं कर रही, उल्टे कुत्तों को खिलाने वाले उनके खिलाफ FIR दर्ज करा रहे हैं.
विजय गोयल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद जो दिशा-निर्देश जारी किए हैं, उनमें कई प्रावधान अस्पष्ट हैं और कुछ तो सुप्रीम कोर्ट की भावना के खिलाफ भी प्रतीत होते हैं. इससे समस्या सुलझने के बजाय और उलझ रही है. गोयल ने नारा दिया आवारा कुत्तों को हटाओ, देश बचाओ.
वजय गोयल ने कहा कि
1. दुनिया के किसी भी देश में इतनी बड़ी संख्या में आवारा कुत्ते सड़कों पर नहीं दिखते.
2. भारत में ही सबसे ज्यादा कुत्तों के काटने की घटनाएं हो रही हैं.
3. रेबीज के सबसे ज्यादा मामले हमारे देश में दर्ज होते हैं.
4. वैक्सीन की सबसे ज्यादा बिक्री यहीं हो रही है.
5. टूरिज्म पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है.
विजय गोयल ने केंद्र व राज्य सरकार से अपील की कि
i. सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रतीक्षा किए बिना ठोस निर्णय लें.
ii. आवारा कुत्तों के लिए शेल्टर होम बनाने की शुरुआत अभी से करें ताकि आगे किसी आदेश के आने पर तुरंत व्यवस्था हो सके.
कानूनी कदम उठाने की दी चेतावनी
उन्होंने बताया कि अगली बैठक ऑक्सी होमेज अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन द्वारा आयोजित की जाएगी. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उत्तर प्रदेश सरकार की जारी सूचनाएं सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करती पाई गईं, तो उस पर कानूनी कदम उठाएंगे.
विजय गोयल ने बताया कि उन्हें नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद और पूरे NCR से लगातार बैठकें करने के निमंत्रण मिल रहे हैं. इन बैठकों के बाद वे आंदोलन की दिशा तय करने के लिए बड़ा फैसला लेंगे.
लोक अभियान के महामंत्री सौरभ ने कहा कि कुत्तों को खिलाने वाले कई NGO विदेशी फंडिंग से चलते हैं और इनके असली इरादों की जांच होनी चाहिए.