Uttar Pradesh: हाथरस जिले के सादाबाद क्षेत्र के गांव ढकरई की निवासी डॉ. शाहीना ने अपने अद्भुत मेहनत और लगन से अमेरिका में अपनी पहचान बनाते हुए इतिहास रच दिया. उन्होंने प्रतिष्ठित एमआईटी (मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) यूनिवर्सिटी, बोस्टन में न्यूक्लियर पावर की प्रोफेसर बनकर न केवल अपने गांव, बल्कि देश का भी नाम रोशन किया है.
डॉ. शाहीना ने अपने पहले ही प्रयास में न्यूक्लियर एटोमिक पावर विषय से पीएचडी की डिग्री हासिल की। यह उपलब्धि इसलिए भी खास है, क्योंकि अमेरिका के बाहर इस विषय में पीएचडी करने वाली वह पहली लड़की हैं.
डॉ. शाहीना का सपना हमेशा पढ़ाई के जरिए कुछ बड़ा करने का था। प्रारंभिक शिक्षा गांव में पूरी करने के बाद उन्होंने अपने पिता, जो एयरफोर्स में विंग कमांडर और बाद में बैंक मैनेजर रहे, के साथ बेहतर स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाई की. परिवार के सहयोग और अपनी मेहनत के बलबूते उन्होंने अपने सपनों को साकार किया.
डॉ. शाहीना की इस सफलता पर ढकरई गांव और पूरे क्षेत्र में जश्न का माहौल है. प्रधान संगठन के विधानसभा अध्यक्ष महाराज सिंह, गुड्डू चौधरी और मन्ना चौधरी ने उनके घर पहुंचकर उनका सम्मान किया। विधायक प्रदीप चौधरी उर्फ गुड्डू भैया ने उन्हें मिष्ठान वितरण के साथ सिर आंखों पर बिठाते हुए बधाई दी. विधायक ने कहा कि डॉ. शाहीना ने ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बढ़ाओ’ अभियान का सच्चा उदाहरण प्रस्तुत किया है.
डॉ. शाहीना ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, स्वर्गीय दादा शाद अली, ताऊ-ताई, चाचा-चाची और भाइयों को दिया. उन्होंने कहा कि, हर लड़की को पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर अपने सपनों को पूरा करने की दिशा में काम करना चाहिए.
डॉ. शाहीना की उपलब्धि ने गांव की बेटियों और क्षेत्र की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का संदेश दिया है. उनकी सफलता ने यह साबित किया कि, अगर सपनों के साथ कड़ी मेहनत और परिवार का समर्थन हो, तो हर चुनौती को पार किया जा सकता है.