यूपी के संभल में 1978 के दंगों के बाद पलायन करके निकले हिंदू परिवारों को 46 साल बाद इंसाफ मिला है. एसडीएम ने उनकी 10 हजार स्क्वायर फीट जमीन पर मालिकाना हक दिलाया है. दंगों के बाद से ही इस जमीन पर मुस्लिम परिवारों का कब्जा था. जब सीएम योगी ने विधानसभा में संभल दंगों का जिक्र किया तो पीड़ित परिवारों ने प्रशासन को शिकायती पत्र देकर जमीन पर मालिकाना हक पाने की गुहार लगाई थी.
संभल में 1978 के सांप्रदायिक दंगों में परिवार के एक शख्स की हत्या के बाद इलाके से पलायन करके जाने वाले तीन परिवारों को 46 साल बाद इंसाफ मिला है. जब 1978 के दंगों का जिक्र शुरू हुआ तो पीड़ित परिवारों ने भी प्रशासन को शिकायती पत्र देकर जमीन से मुस्लिमों का कब्जा हटवाने की गुहार लगाई. प्रशासन एक्टिव हुआ तो मंगलवार को 46 साल बाद परिवारों को 10 हजार स्क्वायर फीट जमीन पर कब्जा दिलाया गया है.
संभल सदर कोतवाली इलाके के मोहल्ला जगत के रहने वाले तुलसीराम की 1978 के सांप्रदायिक दंगों में हत्या कर दी गई थी, लेकिन हत्या के बाद मृतक तुलसीराम के परिवार के साथ ही दो अन्य परिवार अपनी सवा दो बीघा जमीन छोड़कर इस इलाके से पलायन कर गए थे. दंगे के बाद से ना कभी मृतक तुलसीराम का परिवार वापस लौटा और ना ही पलायन करने वाले परिवार वापस लौटे. इसके बाद मुसलमानों ने मृतक तुलसीराम और अन्य परिवारों की जमीनों पर कब्जा कर लिया था.
कार्तिकेय मंदिर मिलने के बाद आया दंगों का जिक्र
संभल में 14 दिसंबर को खग्गू सराय इलाके में कार्तिकेय महादेव मंदिर के 46 साल बाद कपाट खुले तो संभल में 1978 के उन सांप्रदायिक दंगों का भी जिक्र शुरू हुआ और कई दंगा पीड़ित परिवार भी सामने आए. जिन दंगों ने संभल के हर तरह से हालात बदल दिए थे. 1978 के सांप्रदायिक दंगों के जिक्र के बीच ही पीड़ित परिवार के द्वारा एसडीएम वंदना मिश्रा से मिलकर जमीन पर कब्जा दिलाने की गुहार लगाई गई तो एसडीएम ने शिकायतकर्ता पीड़ित परिवार से दस्तावेज मंगा कर चेक किया.
कब्जे वाली जमीन पर चल रहा था स्कूल
इसके बाद मंगलवार को एसडीएम वंदना मिश्रा और अपर पुलिस अधीक्षक श्रीशचंद्र पुलिस फोर्स और राजस्व विभाग की टीम के साथ पीड़ित परिवारों को लेकर मौके पर पहुंचे तो वहां एक स्कूल संचालित हो रहा था और बराबर में कुछ जगह खाली पड़ी हुई थी. इसके बाद एसडीएम वंदना मिश्रा ने राजस्व विभाग की टीम से पीड़ित परिवारों के दस्तावेजों के अनुसार, जमीन की नापतोल कराकर ऑन द स्पॉट ही कब्जा दिलाया है. प्रशासन की टीम ने 1978 के दंगा पीड़ित परिवारों को 46 साल बाद कब्जा दिलाने के लिए जमीन की नापतोल कर कर चूने से चिन्हीकरण भी करा दिया है.
पीड़ित परिवारों ने क्या कहा?
पीड़ित परिवार की महिला आशा देवी ने बताया कि हमारी यहां पर सवा दो बीघा जमीन है और जब 1978 का दंगा हुआ था तो हम लोग इस जमीन को यहां पर छोड़कर चले गए थे. अब हम लोगों के द्वारा प्रशासन को शिकायत की गई थी तो आज हमें जानकारी मिली कि आपकी जमीन की नपाई की जा रही है तो हम लोग भी मौके पर आए हैं. उस दंगे के बाद से इस जमीन पर मुसलमानों का कब्जा था और हम लोग जब भी इसको देखने आते थे तो यह लोग स्कूल होने की बात कह कर हमें यहां से भगा देते थे.
वहीं अमरेश कुमार ने बताया कि जब 1978 का दंगा हुआ था तो उस दंगे में हमारे दादाजी मारे गए थे और उसके बाद हम लोग यहां से पलायन कर गए थे. हम लोग कभी भी यहां पर आते थे तो हम लोगों को यहां से भगा दिया जाता था, लेकिन अब हम लोगों को जमीन मिलने की उम्मीद जगी है.
एसडीएम ने क्या बताया?
Uttar Pradesh: SDM Sambhal Vandana Mishra says, "I was informed yesterday over the phone that a Satimath once existed here, with a temple and an area that has now been encroached upon and is being plotted. As part of the ongoing anti-encroachment campaign, we will conduct a… pic.twitter.com/pPibknblrc
— IANS (@ians_india) January 14, 2025
एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि इस मामले के संबंध में राम भरोसे के परिवार वालों के द्वारा एक शिकायती पत्र दिया गया था और जानकारी दी गई थी कि विद्यालय समिति के लोगों के द्वारा अवैध रूप से उनकी जमीन पर कब्जा किया गया है. मौके पर पहुंचकर पैमाइश कराई गई जानकारी सही निकली और उनकी भूमि निकल रही थी. इसके बाद पीड़ित परिवार को मौके पर बुलाकर कब्जा दिलाया गया है. एसडीएम ने बताया कि कुल 15 हजार स्क्वायर फीट जमीन थी, जिसमें 10 हजार स्क्वायर फीट जमीन पर कब्जा दिला दिया गया है.