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उत्तर प्रदेश: पाकिस्तानी महिला को कैसे मिली भारत में सरकारी टीचर की नौकरी, खुलासा हुआ तो शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में शिक्षा विभाग से संबंधित एक फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. जिले में एक पाकिस्तानी महिला ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाकर सहायक अध्यापक की नौकरी पा ली. ऐसे में जब मामले की जांच हुई तो पता चला कि उसने जो निवास प्रमाण पत्र जमा किया है वो फर्जी है. मामले से शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.

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सहायक अध्यापक पाकिस्तान की नागरिक है. साथ ही उसने अभी तक भारत की नागरिकता नहीं ली और फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर लंबे समय से सहायक अध्यापक की नौकरी करती रही. पुलिस ने महिला टीचर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है. हालांकि महिला टीचर फरार है.

सरकारी प्राथमिक विद्यालय माधौपुर में थीं कार्यरत

बरेली जिले के फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र में एक फिर शिक्षा विभाग पर सवाल खड़े कर दिए हैं. पाकिस्तान की रहने वाली शुमायला खान एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय माधौपुर में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत थीं. उन्होंने तथ्यों को छुपाते हुए कूटरचित निवास प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी हासिल की. ऐसे में जब पूरे मामले की शिकायत हुई तो विकास क्षेत्र फतेहगंज पश्चिमी में सहायक अध्यापक की नियुक्ति को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है. शुमायला खान नामक महिला पर आरोप है कि उन्होंने कूटरचित निवास प्रमाण पत्र का उपयोग कर सरकारी पद पर नियुक्ति प्राप्त की ओर अध्यापक बन गईं.

नहीं ली है भारत की नागरिकता

शुमायला खान ने नियुक्ति के दौरान उप जिलाधिकारी सदर, रामपुर के कार्यालय से जारी निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था. जांच के बाद पाया गया कि यह प्रमाण पत्र त्रुटिपूर्ण है और शुमायला वास्तव में पाकिस्तानी नागरिक हैं. साथ ही उन्होंने अभी तक भारत की नागरिकता भी नहीं ली है. शुमायला की 2015 में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी,बरेली द्वारा प्राथमिक विद्यालय माधोपुर में सहायक अध्यापक के पद पर उनकी नियुक्ति की गई थी.नियुक्ति के लिए उन्होंने जो प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए थे उनकी सत्यता की गई और जांच के दौरान यह भी पाया गया कि निवास प्रमाण पत्र तथ्यों को छुपाकर बनाया गया था.

आरोपी टीचर के खिलाफ मुकदमा दर्ज

जांच के दौरान तहसीलदार सदर,रामपुर की रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि शुमायला खान ने गलत जानकारी देकर सामान्य निवास प्रमाण पत्र बनवाया. इस आधार पर उनका प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया. इसके अलावा,शिक्षा विभाग ने कई बार संबंधित शिक्षिका से स्पष्टीकरण मांगा और हर बार पुष्टि हुई कि प्रमाण पत्र कूटरचित है. पाकिस्तानी महिला शुमायला खान पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेकर सहायक अध्यापक के पद पर नौकरी प्राप्त की. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 3 अक्टूबर 2024 को शुमायला खान को निलंबित कर दिया. इसके बाद,उन्हें नियुक्ति तिथि से पद से हटा दिया गया. वहीं पूरे मामले में फतेहगंज पश्चिमी के खंड शिक्षा अधिकारी ने इस मामले में BSA के आदेश पर फतेहगंज पश्चिमी थाने में गंभीर धाराओं में आरोपी टीचर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. ऐसे में महिला पर अब गिरफ्तार की तलवार लटक रही है.

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