Uttar Pradesh: अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने राम दरबार की मूर्तियों के आगमन को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है.
उन्होंने बताया कि 15 मार्च से 30 अप्रैल के बीच जयपुर से परकोटा, सप्त मंदिर और राम दरबार की सभी मूर्तियां श्रीराम जन्मभूमि परिसर में पहुंच जाएंगी. इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न करने के लिए आवश्यक तकनीकी व्यवस्थाओं पर भी चर्चा की गई है.
मूर्तियों के मूवमेंट की तैयारियां
बैठक के दौरान मूर्तियों के सुरक्षित स्थानांतरण के लिए तकनीकी एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) तैयार किया गया है. इस संबंध में प्रोजेक्ट मैनेजर के साथ विस्तार से चर्चा की गई है ताकि मूवमेंट में किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो.
इस बैठक में कुल चार दिन तक मंदिर निर्माण और व्यवस्थाओं को लेकर गहन विचार-विमर्श किया गया. इसमें निर्माण से जुड़े इंजीनियरों के साथ श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रतिनिधि भी शामिल थे.
मंदिर की लाइटिंग व्यवस्था पर विचार
राम मंदिर की सुंदरता को बढ़ाने के लिए लाइटिंग व्यवस्था को लेकर भी योजना बनाई जा रही है, इसके लिए ‘रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल’ (RFP) जारी किया गया है, जिसमें मंदिर की लाइटिंग को लेकर विभिन्न संभावनाओं पर चर्चा की गई.
पहले प्रस्तावित योजना के तहत प्रोजेक्टर के जरिए परकोटा पर लाइटिंग की व्यवस्था की जानी थी। इस प्रोजेक्ट में चार कंपनियों ने रुचि दिखाई है। इसके अलावा, हाइब्रिड मॉडल की भी जांच की जा रही है ताकि प्रोजेक्टर की छाया से बचा जा सके। तकनीकी रूप से हाइब्रिड मॉडल अधिक प्रभावी माना जा रहा है.
आगामी 15 दिनों में तकनीकी मूल्यांकन
हाइब्रिड मॉडल को अपनाने के लिए उन कंपनियों को भी आरएफपी भेजा जाएगा, जो इस प्रकार की उन्नत लाइटिंग व्यवस्था प्रदान कर सकती हैं। अगले 15 दिनों में सभी तकनीकी प्रस्तावों की समीक्षा कर उनका मूल्यांकन किया जाएगा। इसके बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
अयोध्या राम मंदिर के निर्माण को लेकर लगातार महत्वपूर्ण फैसले लिए जा रहे हैं, जिससे मंदिर का निर्माण कार्य सुचारू रूप से आगे बढ़ सके.