योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल के सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट से यूपी की सियासत में हलचल मच गई है. उनके विभाग में घूसखोरी को लेकर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, उनको लेकर भड़के आशीष पटेल ने कहा कि यह उनकी राजनीतिक हत्या करने की साजिश है. अपना दल (एस) के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि पीएम मोदी जिस दिन आदेश करेंगे, वो एक सेकंड में इस्तीफा दे देंगे.
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उन्होंने रविवार की देर रात ‘X’ पर लिखा, “मीडिया और सोशल मीडिया पर मेरी राजनीतिक हत्या करने के लिए साजिश के तहत तथ्यहीन और अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं. मेरे मंत्रित्व काल में प्राविधिक शिक्षा विभाग में वंचित वर्ग से आने वाले कार्मिकों के हितों की रक्षा के बारे में पूरे उत्तर प्रदेश को पता है.”
आशीष पटेल ने कहा कि सांच को कोई आंच नहीं होती. उन्होंने लिखा, “माननीय मुख्यमंत्री जी अगर आवश्यक समझें तो आरोपों की सीबीआई से जांच करा लें. मैं तो यहां तक कहता हूं कि दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए लगे हाथ बतौर मंत्री अब तक मेरे द्वारा लिए गए एक-एक निर्णय की भी सीबीआई से जांच करा लें. सब को पता है कि इसके पीछे कौन है. आगे और भी ऐसे आरोप लगेंगे. ऐसे मिथ्या आरोपों से डरने वाले कोई और होंगे. अपना दल (एस) वंचितों के हक की लड़ाई से पीछे नहीं हटने वाला.”
पीएम मोदी का जिस दिन आदेश होगा, मैं इस्तीफा दे दूंगा: आशीष पटेल
उन्होंने आगे कहा कि सामाजिक न्याय की जंग के लिए अपना दल (एस) माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व और माननीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के सानिध्य में 2014 में एनडीए में शामिल हुआ था. माननीय प्रधानमंत्री जी का जिस दिन आदेश होगा, बिना एक सेकंड की देरी के मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा.
पल्लवी पटेल ने लगाए घूसखोरी के आरोप
उत्तर प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा विभाग में प्रवक्ताओं की नियुक्ति में घोटाला और घूसखोरी का आरोप लगाया जा रहा है. अपना दल (कमेरावादी) की विधायक पल्लवी पटेल ने घूसखोरी का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि AICTE नियमों के तहत खुली भर्ती से प्रवक्ताओं की नियुक्ति होनी थी. विभाग ने पदोन्नति देकर भर्ती कर ली.
पल्लवी पटेल का आरोप है कि प्रदेश में 250 प्रवक्ताओं को पदोन्नति देकर विभिन्न पॉलिटेक्निक कॉलेज में विभागाध्यक्ष बना दिया गया. विवाद से बचने के लिए गोरखपुर के पॉलिटेक्निक में प्रवक्ताओं की भर्ती नियम के तहत सीधी भर्ती निकाल कर ली, लेकिन बाकी जिलों में प्रमोशन देकर भर्ती की गई. सिराथू विधायक का आरोप हर कैंडिडेट से 25 लाख रुपए की घूस ली गई. सीधी भर्ती के बजाय पदोन्नति कर पिछड़ा वर्ग का हक मारा गया.