बहराइच: पड़ोसी मित्र राष्ट्र नेपाल में लगातार बिगड़ रही भयावह स्थिति को देखते हुए भारत-नेपाल सीमा को सील करने का आदेश जारी कर दिया गया है. एसएसबी 42वीं वाहिनी के असिस्टेंट कमांडेंट ऋतुराज ने जानकारी देते हुए बताया कि उच्च अधिकारियों के निर्देश पर मंगलवार शाम 5 बजे से भारत-नेपाल सीमा को पूरी तरह सील कर दिया गया है. अब सीमा पर न तो किसी व्यक्ति को नेपाल जाने दिया जाएगा और न ही नेपाल से भारत आने की अनुमति होगी.
सीमा की सुरक्षा को देखते हुए एसएसबी और रुपईडीहा पुलिस की संयुक्त गश्त लगातार जारी है. अधिकारी ने बताया कि पूरी टीम अलर्ट मोड पर है और सीमा क्षेत्र की चप्पे-चप्पे पर पैनी नजर रखी जा रही है.
इस बीच पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के नेपालगंज में हालात और अधिक खराब हो गए हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार उग्र प्रदर्शनकारियों ने नेपालगंज के जिला अधिकारी कार्यालय, अदालत समेत सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के जिला कार्यालयों में आगजनी की है। कई गुमटियों को भी आग के हवाले कर दिया गया। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि नेपालगंज की सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है, केवल आंदोलनकारी और सुरक्षा बलों के जवान ही जगह-जगह तैनात नजर आ रहे हैं. शहर के मुख्य चौराहों पर प्रदर्शनकारी टायर जलाकर जमे हुए हैं, जिससे आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है.
सूत्रों के अनुसार नेपाल की राजधानी काठमांडू में भी हालात बेकाबू हैं. प्रदर्शनकारियों ने कई राष्ट्रीय स्तर के नेताओं पर हमला कर उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा है. कुछ नेताओं के घरों में आगजनी की घटनाएं भी सामने आई हैं. हालात इस कदर गंभीर हो चुके हैं कि आंदोलनकारियों के दबाव में नेपाल के कई मंत्री और यहां तक कि प्रधानमंत्री ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
कुछ विश्वसनीय सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि प्रधानमंत्री के.पी. ओली ने नेपाल छोड़ दिया है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आंदोलनकारियों का मुख्य उद्देश्य नए संविधान के तहत चुनाव कराना और नई सरकार का गठन करना है.
भारत-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट की स्थिति बनी हुई है. सीमा पार आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी गई है और सुरक्षा एजेंसियां हालात पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं.