Uttar Pradesh: मां गंगा ने दूसरी मां का समझा दर्द और उसे अपनी लहरों पर समेट दिया नया जीवन…

गाजीपुर: जाके राखे साइयां मार सके ना कोय, कुछ ऐसा ही आज गाजीपुर में गंगा नदी में देखने को मिला जब वाराणसी के कैथी स्थित मार्कण्डेय महादेव मंदिर के पास गंगा में पारिवारिक समस्या की वजह से 75 वर्षीय वृद्धा गंगा में छलांग लगा दिया और फिर वह बहती हुई करीब 15 किलोमीटर दूर गाजीपुर के वराह धाम घाट के पास बहती हुई दिखी.घाट पर बैठे कुछ युवाओं ने उसे देखा और गंगा में कूद कर उसे जब बाहर निकाला तो वृद्धा अभी जिंदा थी. जिसे तत्काल पास के स्वास्थ्य केंद्र में ले गए जहां पर इलाज के बाद वृद्धा स्वस्थ हुई और फिर उसे पुलिस को सूचना देकर उसका ईलाज कराया.

पता चला कि वृद्धा के चार बेटे और बहू भी हैं लेकिन पारिवारिक दिक्कतों की वजह से वृद्धा ने खुदकुशी का निर्णय लिया था.

गाजीपुर जनपद के वराह धाम घाट जो देश के प्रमुख व्यवसायी आदित्य बिरला समूह के द्वारा बनवाया गया है. इसी गंगा घाट पर गंगा के किनारे तीन युवक बैठकर गंगा की उफनाती लहरों को देख रहे थे, और इसी लहरों में अचानक से एक महिला बहते हुए दिखी. और उस वक्त महिला का हाथ पैर चल रहा था इसके बाद तीनों युवकों ने उस महिला को बचाने के लिए गंगा में छलांग लगा दिया और कुछ देर बाद उस वृद्ध महिला को गंगा के किनारे लाया. उस वक्त वृद्ध महिला अचेत थी लेकिन जिंदा थी. जिसे तत्काल युवक पिंटू यादव ने इसका बेहतर इलाज के लिए पास के स्वास्थ्य केंद्र पर ले गए जहां डॉक्टरों के इलाज के बाद वृद्धा होश में आई और अपने गंगा में कूदने की पूरी कहानी लोगों को बताया.

वृद्धा की बात माने तो वृद्धा के चार बेटे और बहू हैं साथ ही पूरा भरा परिवार लेकिन इतना बड़ा परिवार होने के बावजूद वृद्ध बासमती देवी को पारिवारिक परिस्थितियों से काफी नाराज रही। और फिर अपने जीवन लीला समाप्त करने की सोची इसके बाद वह अपने गांव मौधिया तड़ियाव से मार्कण्डेय महादेव गंगा घाट पहुंची थी और फिर उसने गंगा में छलांग लगा दिया था.

हालांकि मां गंगा जिन्हें मोक्षदायिनी भी कहा जाता है उस मां गंगा ने एक मां के दर्द को समझा और इस वृद्ध मां को अपने आगोश में लेने के बजाय अपनी लहरों पर तब तक संभाले रखा जब तक कि उन्हें बचाने के लिए इन तीन युवकों की निगाह नहीं पड़ी. बता दे की मारकंडे धाम से वराह धाम की दूरी तकरीबन 15 किलोमीटर के आसपास है ।और इस 15 किलोमीटर में मां गंगा ने वृद्ध मां को अपनी लहरों पर संभालते हुए यहां तक पहुंचा दी थी.

वृद्ध बासमती ने बताया कि उसके चार पुत्र राम सकल, रामविलास, अशोक और राम दुलारे हैं. और सभी की शादियां भी हो चुकी है लेकिन पारिवारिक उपेक्षा और दिक्कतों के कारण उसने यह निर्णय लिया था. हालांकि अब वृद्धा की जान बच गई और उसे बचाने वाला युवक पिंटू यादव इसकी सूचना सैदपुर कोतवाली पुलिस को देखकर उसका प्राथमिक इलाज कराया और फिर उसके परिजनों की सूचना भी दिया.

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