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मदन मोहन मालवीय के पौत्र न्यायमूर्ति गिरधर मालवीय का निधन, प्रयागराज में ली अंतिम सांस, PM ने जताया दुख

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के चांसलर और भारतरत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के पौत्र जस्टिस (रिटायर्ड) गिरिधर मालवीय का निधन हो गया है. 92 साल की उम्र में उन्होंने सोमवार 18 नवंबर की सुबह करीब 11 बजे प्रयागराज में अंतिम सांस ली. पिछले कुछ समय से वो बीमार चल रहे थे. उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जाहिर किया है साथ ही परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की.

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पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी के प्रपौत्र गिरिधर मालवीय जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना शिक्षा जगत के साथ-साथ पूरे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है. गंगा सफाई अभियान में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा.

गिरिधर मालवीय के निधन पर पीएम मोदी ने जताया दुख

इसके आगे पीएम मोदी ने कहा कि न्यायिक सेवा में अपने कार्यों से भी गिरिधर मालवीय जी ने अपनी एक अलग पहचान बनाई थी. मुझे कई बार उनसे निजी तौर पर मिलने का सौभाग्य मिला. 2014 और 2019 में वाराणसी के मेरे संसदीय क्षेत्र से वे प्रस्तावक रहे थे, जो मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगा. शोक की इस घड़ी में ईश्वर उनके परिजनों को संबल प्रदान करे. ओम शांति.

गंगा की स्वच्छता और संरक्षण के लिए रहे समर्पित

पिछले कुछ समय से उनकी हालत काफी खराब थी. इसी वजह से बीएचयू के दीक्षांत समारोह में वो व्हीलचेयर पर आए थे. उनका नाम न्यायपालिका और शिक्षा क्षेत्र में प्रमुखता से जाना जाता है. साल 1988 को उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था. रिटायर होने के बाद 2018 में वो बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति चुने गए थे. गिरिधर मालवीय हमेशा से गंगा की स्वच्छता और संरक्षण के लिए समर्पित रहे. गंगा अधिनियम का प्रारूप तैयार करने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने उल्लेखनीय योगदान दिया.

प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्तावक रहे

2019 के लोकसभा चुनाव में गिरिधर मालवीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक भी रहे थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में गिरिधर मालवीय ने वाराणसी से नरेंद्र मोदी की उम्मीदवारी का प्रस्ताव किया था. उन्होंने गंगा महासभा के अध्यक्ष के रूप में गंगा सफाई अभियान में सक्रिय भूमिका निभाई. उनके निधन से प्रयागराज में शोक की लहर दौड़ गई.

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