Uttar Pradesh: अवैध ताड़ी कारोबार पर बड़ी कार्रवाई: 40 पेड़ों के तने काटे, दर्जनों मटके नष्ट, क्षेत्र को नशा मुक्त करने का संकल्प

Uttar Pradesh: जसवंतनगर के मलाजनी गांव में पुलिस और आबकारी विभाग ने अवैध ताड़ी कारोबार के खिलाफ एक निर्णायक और व्यापक अभियान चलाया है। इस संयुक्त कार्रवाई ने क्षेत्र में अवैध गतिविधियों पर लगाम कसते हुए, ताड़ी निकालने के लिए इस्तेमाल हो रहे ताड़ के 40 पेड़ों के तनों को काटकर उन्हें अनुपयोगी बना दिया. इसके साथ ही, मौके पर पड़े दर्जनों मटकों को नष्ट कर दिया गया और 200 लीटर से अधिक तैयार ताड़ी को फेंक दिया गया, जिससे अवैध आपूर्ति श्रृंखला को बड़ा झटका लगा है.

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आबकारी आयुक्त के निर्देश पर बड़ी कार्रवाई
यह अभियान आबकारी आयुक्त के सीधे निर्देश पर चलाया गया था, जो राज्य में अवैध नशीले पदार्थों के खिलाफ सख्त रुख का संकेत देता है. जैसे ही पुलिस और आबकारी टीम ने गांव में प्रवेश किया, अवैध कारोबारियों में भगदड़ मच गई और कई लोग मौके से भागने में सफल रहे. इस कार्रवाई ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रशासन अवैध धंधों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा.

सीओ आयुषी सिंह ने अभियान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ताड़ी एक नशीला पदार्थ है और इसमें मिलावट की संभावना बहुत अधिक होती है. ऐसी मिलावट मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक हो सकती है, जिससे कई तरह की बीमारियाँ हो सकती हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि ताड़ी जैसे अवैध और खतरनाक धंधों को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी.

ताड़ी कारोबार का मौसमी चरम और सार्वजनिक सुरक्षा
सीओ आयुषी सिंह ने आगे जानकारी दी कि मई से जुलाई के बीच ताड़ी का अवैध कारोबार अपने चरम पर होता है। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में यह व्यवसाय अधिक सक्रिय हो जाता है, जिससे न केवल स्थानीय ग्रामीणों को असुविधा होती है, बल्कि सड़कों पर चलने वाले राहगीरों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाती है। अवैध ताड़ी की बिक्री और खपत से अक्सर झगड़े और आपराधिक गतिविधियां बढ़ती हैं, जिससे सार्वजनिक शांति भंग होती है.

क्षेत्रीय रिपोर्टों के अनुसार, मलाजनी गांव और उसके आसपास के क्षेत्रों में अनुमानित 150 ताड़ के पेड़ हैं। इनमें से लगभग आधा सैकड़ा पेड़ सक्रिय रूप से ताड़ी निकालने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे, जो इस अवैध कारोबार के पैमाने को दर्शाता है. इस अभियान में काटे गए 40 पेड़, जो अब ताड़ी उत्पादन के लिए अनुपयोगी हो गए हैं, इस अवैध धंधे पर अंकुश लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

संयुक्त टीम और भविष्य की योजना
इस सफल अभियान में आबकारी निरीक्षक विकास द्विवेदी, थाना उपनिरीक्षक ललित कुमार चतुर्वेदी और एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी शामिल थे. टीम ने पेड़ों पर लगे दर्जनों मटके नीचे उतरवाकर मौके पर ही नष्ट कर दिए, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि अवैध ताड़ी के उत्पादन का कोई भी उपकरण बचा न रहे. अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया है कि इस तरह के संयुक्त अभियान भविष्य में भी जारी रहेंगे ताकि पूरे क्षेत्र को नशा मुक्त बनाया जा सके और लोगों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित किया जा सके। यह कार्रवाई न केवल एक तात्कालिक सफलता है, बल्कि क्षेत्र में एक स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.

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