Uttar Pradesh: संभव अभियान से उत्तर प्रदेश में तीव्र कुपोषण और अल्प वजन बच्चों की दर में कमी दर्ज की गयी है. अभियान में श्रावस्ती ने शानदार प्रदर्शन कर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है, जबकि दूसरे स्थान पर वाराणसी और तीसरे पर उन्नाव है.
उत्तर प्रदेश में बच्चों, गर्भवतियों और धात्री माताओं में कुपोषण और एनीमिया जैसी गंभीर समस्याओं को मात देने की दिशा में संभव अभियान 4.0 ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। सीएम योगी के संभव अभियान से प्रदेश में तीव्र कुपोषण और अल्प वजन बच्चों की दर में कमी दर्ज की गयी है। अभियान में श्रावस्ती ने शानदार प्रदर्शन कर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है, जबकि दूसरे स्थान पर वाराणसी और तीसरे पर उन्नाव है.
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की डायरेक्टर सरनीत कौर ब्रोका ने बताया कि प्रदेश में बच्चों में आयरन, एनीमिया और कुपोषण की दर में कमी दर्ज की गयी है। एनएफएचएस-5 (राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5) की मई-25 की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2019-21 के मुकाबले 2025 में तीव्र कुपोषण में 4 प्रतिशत और अल्प वजन बच्चों की दर में 20 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी है.
प्रदेश के 0-6 वर्ष के बच्चों में कुपोषण की स्थिति पर निगरानी की गई, जिससे 2019-21 के एनएफएचएस-5 आंकड़ों के अनुसार में तीव्र कुपोषण की दर 17.3 प्रतिशत थी, जो मई-2025 तक पोषण ट्रेकर के अनुसार घटकर 4 प्रतिशत रह गयी है। इसी तरह वर्ष 2019-21 में अल्प वजन बच्चों की दर 34.5 प्रतिशत थी, जो मई 2025 तक घटकर 20.0 प्रतिशत रह गई है.
प्रदेश सरकार ने 7 जुलाई को संभव अभियान 5.0 की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य प्रदेश का हर बच्चा सुपोषित हो, हर मां सुरक्षित रहे और जीरो हंगर के लक्ष्य को प्राप्त करना है.