बहराइच: जिले के कैसरगंज और मझारा तौकली इलाके में भेड़िए के खौफ से दहशत का माहौल बरकरार है. रोहित पुरवा में एक भेड़िए के मारे जाने की खबर सामने आई, डीएफओ ने बताया कि भेड़िया मृत अवस्था में मिला और पोस्टमार्टम के बाद ही मौत की असली वजह साफ होगी. लेकिन अभी भी गांव वालों का कहना है कि इलाके में अब भी दो भेड़िए घूम रहे हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि कच्चे और फूस के घरों में रहना अब खौफनाक हो गया है. कई लोग बच्चों को लेकर छतों पर सो रहे हैं. महिलाएं भी रातभर बच्चों की हिफाजत के लिए जागने को मजबूर हैं. भेड़िए की दहशत ऐसी है कि जिन ग्रामीणों के मकान कच्चे है या फूस के बने हैं, वो अपने बच्चों की हिफाजत के लिए बारी बारी रात जाग रहे हैं. रात जाग कर अपनो की हिफाजत करने वाले ग्रामीणों को अगर कोई आहट मिलती है तो दौड़ पड़ते है और शोर मचाना शुरू कर देते हैं, जिससे कोई जानवर उनके गांव में न घुस सके. वहीं कुछ महिलाएं भी अपने छोटे बच्चों को भेड़िए से बचाने के लिए रात को अकेले जागने को मजबूर दिखाई दे रही हैं. ग्रामीणों का कहना है कि राहत तब मिलेगी जब सभी आदमखोर भेड़िए खत्म हो जाएंगे. फिलहाल लोग रात-रातभर जागकर गांव और अपने बच्चों की सुरक्षा कर रहे हैं.
यह इलाका घाघरा नदी के कछार में बसा होने और यहां गन्ना व धान की खेती बड़े पैमाने पर होने के कारण वन विभाग की टीम को भेड़िए की तलाश में दिक्कतें आ रही हैं. हालांकि शाम तक एक नर भेड़िए को खत्म कर दिया गया, जिससे कुछ राहत जरूर मिली है, लेकिन दहशत अब भी बनी हुई है.
बहराइच के जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने सभी गांवों में सोडियम लाइट और सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश दिए हैं. साथ ही पुलिस और वन विभाग की कई टीमें दिन-रात गश्त कर रही हैं. ग्रामीणों से अपील की जा रही है कि किसी भी आहट या हरकत की सूचना तुरंत टीम को दें.
वहीं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह रैकवार ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश के बाद तेजी से कार्रवाई हुई है और एक भेड़िए को मार गिराया गया है. उन्होंने भरोसा जताया कि बाकी बचे भेड़िए भी जल्द पकड़े जाएंगे या मार दिए जाएंगे. विजय सिंह खुद भी अपने साथियों के साथ बंदूक लेकर तलाश में जुटे हैं.