Uttar Pradesh: बहराइच के नानपारा में रोडवेज बस डिपो के लिए शुरू हुआ आंदोलन

रोडवेज बस डिपो के लिए नानपारा मे लोग सड़कों पर उतर आए। सभी शहर के अंदर डिपो बनाने की मांग कर रहे थे। यही नहीं जब तक नया डिपो न स्वीकृत हो जाए, तब तक अस्थायी बस अड्डे पर बसों को रोकने की मांग की गई.

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इस डिपो के लिए मंत्री से लेकर प्रमुख सचिव तक पहले से पत्र भेज प्रयास किया जा रहा है। इसके बावजूद इस दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया है.

नानपारा नगर पालिका परिषद की आबादी करीब सवा लाख है। आवागमन के लिए यहां पहले ट्रेन की सुविधा थी, लेकिन आमान परिवर्तन के कारण ट्रेन बंद हो गई। इसी के बाद आवागमन को लेकर जब लोगों को समस्या होने लगी तो रोडवेज बस डिपो की मांग भी तेज हो गई। वैसे तो इस डिपो के लिए कई वर्ष से आंदोलन हो रहा है। इसके लिए कई प्रयास भी किए गए.

विधायक राम निवास वर्मा ने परिवहन मंत्री से मिलकर डिपो खोलने के लिए पत्र दिया था। पत्र प्रमुख सचिव से लेकर डीएम व उसके बाद एसडीएम तक पहुंचा। इस बीच जब तक डिपो न बने तब तक के लिए नानपारा मिहींपुरवा बाईपास पर शिवाला बाग के पास एक अस्थायी बस अड्डे का निर्माण कराया गया था। यहां यात्रियों के लिए एक बेंच, टिनशेड लगा दिया गया था। इसका शुभारंभ भी विधायक ने कर दिया। यहां दो दिन लखीमपुर और लखनऊ की ओर जाने वाली बसें रुकी भी थीं। इसके बाद स्थिति ढाक के तीन पात वाली हो गई.

यह हो रही समस्या

नानपारा हाईवे के किनारे बसा हुआ है। इस हाईवे से लखीमपुर, उत्तराखंड की ओर बसें जाती हैं। जिन यात्रियों को उधर जाना होता है, उन्हें कुर्मियन पुरवा चौराहे पर जो नगर से करीब चार किलोमीटर दूर है। वहां इंतजार करना पड़ता है। जबकि लखनऊ, कानपुर, गोंडा की ओर जाने वालों को अंगनूपुरवा तिराहे पर इंतजार करना पड़ता है। यहां बसों के आने-जाने का समय सुनिश्चित न होने के कारण लोगों को परेशानी होती है। वहीं रात को लूटमार की संभावना बनी रहती है.

जमीन की नहीं हो पा रही व्यवस्था
नानपारा में सिंचाई विभाग की भूमि का चयन बस डिपो के लिए किया गया था, लेकिन विभाग ने एनओसी नहीं दिया। इसलिए समस्या आ रही है, जमीन मिल जाए तो डिपो बनाने की प्रक्रिया तेज हो जाएगी. -राम प्रकाश.

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