अयोध्या: रामजन्मभूमि पर होने जा रही सामूहिक प्राण प्रतिष्ठा से पहले सुरक्षा व्यवस्था को अभेद्य बनाने की तैयारियां ज़ोरों पर हैं. भगवान श्रीराम के दिव्य धाम को अब तकनीक की चादर में लपेटकर, हर संदिग्ध गतिविधि पर पैनी नज़र रखी जाएगी. एसपी सुरक्षा बलरामाचारी दुबे की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में एक बड़ा निर्णय लिया गया. अब रामजन्मभूमि परिसर में कार्यरत हर कर्मी का बायोमीट्रिक वैरिफिकेशन और फेस रिकग्निशन अनिवार्य होगा.
बैठक में मौजूद राम मंदिर के व्यवस्थापक गोपाल राव सहित कई सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी इस निर्णय पर सहमति जताते हुए तत्काल अमल का भरोसा दिलाया. एसपी सुरक्षा ने बताया कि 5 जून से पहले तक परिसर में कार्य कर रही सभी प्राइवेट एजेंसियों के कर्मचारियों का सत्यापन कराया जाएगा. इसमें सुरक्षा में तैनात SIS, BPIS और BPSS के जवान, साथ ही सफाई व्यवस्था संभालने वाली BVG कंपनी के कर्मचारी भी शामिल हैं.
अब सिर्फ पहचान पत्र दिखाना काफी नहीं होगा। हर कर्मी को फिंगरप्रिंट और फेस स्कैन से गुजरना होगा. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि परिसर में एक भी अनधिकृत व्यक्ति की एंट्री न हो। यह कदम न सिर्फ सुरक्षा मानकों को सशक्त करेगा, बल्कि आने वाले श्रद्धालुओं में भी विश्वास का भाव पैदा करेगा.
बैठक में आगामी प्राण प्रतिष्ठा आयोजन की सुरक्षा रणनीति को अंतिम रूप देने पर भी गंभीर चर्चा हुई। मौके पर विशेष सुरक्षा बल (एसएसएफ) के डिप्टी कमांडेंट अभय मिश्र, सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट विनय सिंह, सीओ एसएसएफ प्रमोद यादव, सीओ पीएसी रोहित यादव, सीओ आरजेबी महेंद्र शुक्ल, आरजेबी चौकी प्रभारी सुनील कुमार, और एटीएस, एलआइयू, बीडीडीएस तथा कमांडो दस्ते के अधिकारी भी मौजूद रहे.
एसपी दुबे ने बताया कि तकनीक के साथ मानव संसाधन का बेहतर तालमेल इस आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। हर प्रवेश द्वार पर फेस रिकग्निशन डिवाइस तैनात की जाएगी, जिससे संदिग्ध व्यक्तियों को तुरंत पहचाना जा सके. वहीं, बैकएंड मॉनिटरिंग टीम हर गतिविधि पर नजर रखेगी.
रामनगरी अयोध्या में अब कोई भी गतिविधि सुरक्षा के दायरे से बाहर नहीं होगी. श्रद्धा और सुरक्षा का यह संगम प्राण प्रतिष्ठा को दिव्य और भव्य बनाएगा — तकनीक के आशीर्वाद से श्रीराम की नगरी और भी सुरक्षित हो रही है.