उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव: गांव की सरकार की लिए हलचल हुई तेज

रायबरेली: पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है।18 जुलाई से मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य किया जाएगा. इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है. इसके साथ ही चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदार भी मतदाता सूची में सभी मतदाताओं के नाम शामिल करने की तैयारी में जुट गए हैं. जिले में वर्ष 2021 में हुए पंचायत चुनाव में 988 ग्राम पंचायतें थीं. इसके बाद निकायों का परिसीमन होने पर 8 ग्राम पंचायतें कम हो गईं. अगले वर्ष होने वाले चुनाव में जिले की 980 ग्राम पंचायत ही शामिल होगी.

पिछले चुनाव में जिले में लगभग 21 लाख मतदाता थे. इस साल मतदाताओं की संख्या इससे ज्यादा होगी. 2026 के मई महीने में पंचायत चुनाव कराए जाने की संभावना है. इसे लेकर अब मतदाता सूची में संशोधन का कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है. यह कार्य 18 जुलाई से शुरू हो जाएगा.  इसमें मतदाता सूची में 18 साल की आयु पूरी करने वाले नए मतदाताओं के नाम शामिल किए जाएंगे तथा जो मतदाता कहीं दूसरी जगह चले गए हैं उनके नाम हटाए जाएंगे।आवेदन, सूची के अनंतिम प्रकाशन, आपत्तियां, उनका निस्तारण करने के बाद 15 जनवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होगी.

इसे लेकर विभाग सक्रिय है तो दूसरी ओर प्रधानी के दावेदार भी सक्रिय है. वे इस बात की तैयारी कर रहे हैं कि किसी भी मतदाता का नाम मतदाता सूची में शामिल होने से रह ना जाए। इस अभियान को लेकर बीएलओ बनाए जाएंगे और यह बीएलओ मतदाता सूची में संशोधन का कार्य करेंगे।सहायक निर्वाचन अधिकारी पंचायत विनायक शुक्ला ने बताया कि बीएलओ की सूची को अपडेट करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। जल्द ही सूची अपडेट करने के बाद बीएलओ की ड्यूटी लगाई जाएगी.

ग्राम पंचायतों में जल्द कार्य कराने के लिए भी कसी कमर

पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट से जहां उम्मीदवार खुश हैं तो वहीं वर्तमान में प्रधानों की चिंता बढ़ गई है। उन्होंने अधूरे पड़े कार्यों को जल्द पूरा कराने के लिए कमर कस ली है.

वहीं दूसरी तरफ बकाया भुगतान भी जल्द से जल्द कराने की तैयारी है। हालांकि प्रधानों की सबसे बड़ी चिंता मनरेगा से कराए गए पक्के कार्यों के भुगतान को लेकर है। लंबे समय से मनरेगा के पक्के कार्यों के भुगतान के लिए शासन ने धनराशि जारी नहीं की है. ऐसे में प्रधानों को धनराशि जारी होने का इंतजार रहा.

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