अयोध्या: भगवान राम की पवित्र नगरी, एक नई सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर की ओर बढ़ रही है, यहां एक विशेष परियोजना के तहत “पंचवटी द्वीप” का निर्माण किया जा रहा है, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों को त्रेता युग के समय में भगवान राम के जीवन की झलक देगा.
यह द्वीप रामायण की कहानियों और भगवान राम के जीवन के प्रमुख घटनाक्रमों को जीवंत रूप में प्रस्तुत करेगा. पंचवटी द्वीप में उन स्थानों और घटनाओं को दर्शाने के लिए विशेष प्रौद्योगिकी और परंपरागत स्थापत्य कला का उपयोग किया जा रहा है, जो भगवान राम के वनवास काल से प्रेरित हैं.
क्या खास होगा पंचवटी द्वीप में?
1. त्रेता युग का अनुभव: यहां भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण के वनवास जीवन को चित्रित किया जाएगा.
2. सजीव झांकी और प्रदर्शनियां: डिजिटल और भौतिक माध्यमों से रामायण के प्रमुख प्रसंगों को दर्शाया जाएगा.
3. आध्यात्मिक वातावरण: प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण में श्रद्धालु ध्यान और साधना कर सकेंगे.
4. पर्यटन को बढ़ावा: यह परियोजना अयोध्या को वैश्विक धार्मिक पर्यटन मानचित्र पर नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी.
अधिकारियों के अनुसार, पंचवटी द्वीप का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है और इसे शीघ्र ही जनता के लिए खोल दिया जाएगा. यह परियोजना रामायण की गाथाओं को आधुनिक युग के साथ जोड़ने और भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने का एक अद्वितीय प्रयास है.
अयोध्या में आने वाले श्रद्धालु जल्द ही पंचवटी द्वीप में भगवान राम के समय का अनुभव कर सकेंगे, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण होगा.