संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान जो हिंसा भड़की, और उसमें जिस तरह से 4 लोगों की मौत हो गई, अब इस पर सियासत धधक रही है. एक तरफ विपक्ष का दावा है कि यूपी पुलिस ने ही गोली चलाई, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई. दूसरी तरफ पुलिस का दावा है कि गोली देसी तमंचे से चली है और सटाकर यानी पॉइंट ब्लैंक से गोली मारी गई है. यूपी पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला दे रही है. लेकिन पुलिस और नेताओं की इस बहस में, अब नया एंगल आया है. कारण, समाजवादी पार्टी के नेता माता प्रसाद पांडे दावा कर रहे हैं कि पुलिस दो तरह के हथियार रखती है.
उन्होंने कहा कि पुलिस कभी अपनी करनी को देखती है. आजकल ये प्रवृत्ति चल गई है, पुलिस दो असलाह रखती है. एक वो असलाह रखती है जो गैरकानूनी है और एक सरकारी है. तो जहां गोली चलाना होता है, बहुत कम अवसर पर सरकारी से चलाते हैं, जो दूसरे तरह का असलाह रखते हैं, उसी से गोली चलाते हैं.
इस बीच गोली चलाने वाले आरोपी की तस्वीर भी सामने आ गई है. काले कपड़े में एक युवक हाथ में बंदूक लेकर फायरिंग करता नजर आ रहा है. मफलर से उसने अपना मुंह ढका हुआ है. पुलिस तस्वीर के आधार पर आरोपी की पहचान में जुट गई है. इसके अलावा कई और वीडियो भी पुलिस को मिले हैं, जिनके आधार पर आगे की पड़ताल जारी है. पुलिस का दावा है कि इन्हीं आरोपियों की गोली से चार लोगों की मौत हुई है. CCTV तोड़ते उपद्रवी भी कैमरे में कैद हुए हैं, जिनकी तलाश की जा रही है.
The CCTV footage of #SambhalViolence. Just see how they were mobilised and the stone pelting was done on the police ..
Do they look like victims? pic.twitter.com/z4hKHOL2MR
— Mr Sinha (@MrSinha_) November 26, 2024
विपक्ष पुलिस पर लगा रहा गोली चलाने का आरोप
अब भी सवाल यही है कि संभल में मस्जिद के सर्वे के दौरान ऐसा क्या हुआ कि इतनी भयंकर हिंसा भड़क गई. और सवाल ये भी है संभल में जिन 4 लोगों की मौत हुई, उन्हें गोली किसने मारी? हालांकि पुलिस अपने दावा पर अडिग है. लेकिन विपक्ष यूपी पुलिस की देसी तमंचे वाली थ्योरी पर बिल्कुल भी यकीन करने को तैयार नहीं है. वहीं कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने तो सीधे यूपी पुलिस को कठघरे में खड़ा कर दिया है. उन्होंने दावा किया कि पुलिस के गोली चलाते हुए फुटेज आ गए हैं. ये दुखद है कि जो सब दिखाई दे रहा है. उन्होंने दावा किया कि ये आदमी कौन थे जो भड़काने की बात कह रहे हैं, मुझे तो लगता है कि पुलिस ही सिविल ड्रेस में आई थी. वहां झगड़ा पुलिस बनाम मुसलमान हो रहा है.
FIR में सांसद और विधायक के बेटे पर गंभीर आरोप
संभल की हिंसा पर एफआईआर की कॉपी सामने आई है, जिसमें कई गंभीर आरोप सामने आए हैं. एफआईआर में ये आरोप दर्ज है कि किस तरह सांसद जियाउर्रहमान बर्क और स्थानीय विधायक के बेटे सुहैल इकबाल ने लोगों को भड़काया. आरोप ये भी कि पुलिसवालों को जान से मारने की नीयत से हमला किया गया. एफआईआर में सांसद बर्क को आरोपी नंबर वन और सुहैल इकबाल को आरोपी नंबर 2 लिखा गया है. लेकिन पुलिस ने जो केस बनाया है, उसे दिल्ली से लखनऊ तक, कोई मानने को तैयार नहीं है.
संभल हिंसा पर सियासत थोड़ी बहुत नहीं, बल्कि बहुत ज़्यादा हो रही है. विपक्ष मस्जिद के सर्वे से लेकर, हिंसा में मारे 4 लोगों और पुलिस पर लगातार सवाल उठा रहा है. संभल हिंसा की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश हो गए हैं. अब इस जांच में क्या निकलकर आता है, इसका भी सबको इंतज़ार है.
संभल में हिंसा फैलाने का मास्टरमाइंड कौन है?
संभल हिंसा से जुड़े कई वीडियो सामने आए हैं, जिसमें साफ दिख रहा है कि संभल में हिंसा सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी. यहां उपद्रव अचानक नहीं हुआ. क्योंकि संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क के एक वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि ये 22 नवंबर का है. दावे के मुताबिक इस वीडियो में जियाउर्रहमान बर्क जुमे की नमाज के बाद भड़काऊ बयानबाजी करते हुए दिखाई दे रहे हैं. पुलिस ने सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. लेकिन समाजवादी पार्टी कह रही है कि ये मुकदमा झूठा है. सांसद जियाउर्रहमान बर्क तो हिंसा वाले दिन संभल में नहीं बल्कि बेंगलुरु में थे.
यूपी में संभल हिंसा को लेकर अब चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. पुलिस दावा कर रही है कि एक सोची समझी साज़िश के तहत संभल हिंसा को अंजाम दिया गया. पुलिस का ये भी कहना है कि संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क से लेकर विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल और मस्जिद के सदर जफर अली की हिंसा में अहम भूमिका है. पुलिस ने अब तक 7 एफआईआर दर्ज की हैं. कुल दो दर्जन से ज़्यादा लोग नामजद हैं और 2750 अज्ञात हैं. सांसद बर्क और विधायक के बेटे पर भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने का आरोप है.
अब बर्क का 22 नवंबर शुक्रवार का एक वीडियो सामने आया है, वीडियो में दावा किया जा रहा है कि जुमे की नमाज के बाद संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने भीड़ के बीच मस्जिद में कहा था कि ये मस्जिद कयामत तक रहेगी, चाहे पुलिस जितने ड्रोन लगा ले. उन्होंने लोगों के बीच में खड़े होकर ऐलान किया कि वो पुलिस और प्रशासन से दबने वाले नहीं हैं.
25 आरोपियों को जेल भेज चुकी पुलिस
आपको बता दें कि संभल हिंसा में पुलिस ने अब तक 25 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. संभल के एसपी के के बिश्नोई साफ-साफ कह रहे हैं कि सांसद बर्क के बयान के चलते संभल में हिंसा भड़की. अब पूरी की पूरी समाजवादी पार्टी सांसद जियाउर्रहमान बर्क के सपोर्ट में खड़ी हो गई है. अखिलेश तो यहां तक कह रहे हैं कि उनके सांसद पर सारे आरोप झूठे हैं और सर्वे टीम के साथ बीजेपी के कार्यकर्ताओं थे, जो लोगों को भड़का रहे थे.
संभल हिंसा को लेकर समाजवादी पार्टी सीधे सीएम योगी पर अटैक कर रही है. रामगोपाल यादव ने कहा कि यूपी के सीएम चाहते ही थे कि इस प्रदेश में आग लगे, उन्हें तो इसी से लाभ होता है. सिर्फ समाजवादी पार्टी ही नहीं बल्कि INDI गठबंधन के बाकी नेता भी संभल की जामा मस्जिद में सर्वे को गलत ठहरा रहे हैं. संभल हिंसा पर राजनीति इस कदर गर्म है कि अब लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव संभल जाना चाहते हैं.