उत्तर प्रदेश के बरेली जिला न्यायालय ने जाति जनगणना पर दिए गए बयान पर लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है. याचिकाकर्ता पंकज पाठक ने याचिका दायर की थी. पंकज पाठक ने कहा, ‘हमें लगा कि जाति जनगणना पर चुनाव के दौरान राहुल गांधी द्वारा दिया गया बयान देश में गृहयुद्ध शुरू करने की कोशिश जैसा है. हमने पहले एमपी-एमएलए कोर्ट में उनके खिलाफ मामला दायर किया था, जिसे खारिज कर दिया गया था. उसके बाद हम जिला जज कोर्ट गए, वहां हमारी अपील स्वीकार कर ली गई और राहुल गांधी को नोटिस जारी किया गया. नोटिस में 7 जनवरी की तारीख दी गई है.’
राहुल गांधी ने सरकार को घेरा
इस बीच, राहुल गांधी ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग जारी रखी और दावा किया कि संविधान पर हमला हुआ है और भारतीय जनता पार्टी, पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बी आर अंबेडकर का अपमान करके बहुत बड़ी गलती की है. अपने सोशल मीडिया अकाउंट (फेसबुक और इंस्टाग्राम) पर टिप्पणियों के बारे में पोस्ट करते हुए, गांधी ने कहा, ‘बीजेपी, नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने संविधान पर हमला करके और बाबा साहेब का अपमान करके अपने जीवन की सबसे बड़ी गलती की है. भारत इस गलती को माफ नहीं करेगा. गृह मंत्री को माफी मांगनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए.’
उन्होंने अंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी के बाद कांग्रेस द्वारा किए गए कई विरोध प्रदर्शनों, मार्च और भाषणों का एक मोंटाज पोस्ट किया. गांधी ने अपने संसद के भाषण का भी जिक्र किया और इसे मनुस्मृति और संविधान के बीच की लड़ाई बताया. उन्होंने कहा कि एक पक्ष संविधान का बचाव करता है. उन्होंने संसद में अपने भाषण में कहा, ‘संविधान में लिखा है कि नस्ल, जाति, धर्म और जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव पर रोक है…आज भारत में एक लड़ाई चल रही है. यह पक्ष (अपने सांसदों की ओर इशारा करते हुए) संविधान के विचार का रक्षक है.’