उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान 28 साल के प्रभात पांडेय की मौत हो गई. आज गुरुवार को गोरखपुर में उनके पैतृक गांव में उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान अफरा-तफरी फैल गई. दरअसल लोगों ने प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय राय की मौजूदगी पर नाराजगी जाहिर की.
स्थानीय लोगों ने अजय राय वापस जाओ, राहुल गांधी मुर्दाबाद, प्रियंका गांधी मुर्दाबाद जैसे नारे लगाए जिसके बाद तनाव बढ़ने पर पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा. प्रभात के पड़ोसी निखिलेश ने बताया कि प्रभात के शव को अंतिम संस्कार से पहले उसके घर लाया गया जिससे परिवार में कोहराम मच गया. उसके शोकाकुल पिता दीपक पांडेय ने कहा, यह मेरे कर्मों का फल है. मेरा इकलौता बेटा चला गया. अंतिम संस्कार स्थल पर उसकी मां बेहोश हो गई.
निखिलेश ने और क्या बताया?
मैं भी 24 कैरेट का ब्राह्मण हूं, … प्रभात पांडे के अंतिम संस्कार में नारेबाजी के बाद बोले अजय राय @INCUttarPradesh @INCIndia @IYC https://t.co/RN8PhOuQoi pic.twitter.com/vQwNbc0ndc
— Rajeev Datt Panday (@DattRajeev) December 19, 2024
निखिलेश ने बताया कि जब अजय राय ने श्रद्धांजलि देने का प्रयास किया तो स्थिति और बिगड़ गई. गुस्साए ग्रामीणों ने उन पर राजनीतिक लाभ के लिए इस त्रासदी का फायदा उठाने का आरोप लगाया. प्रदर्शनकारियों ने चिल्लाते हुए कहा, यहां कोई ड्रामा नहीं और राय को चिता के पास जाने से रोक दिया. भीड़ को शांत करने के प्रयास में राय ने अपना जनेऊ दिखाया और कहा, मैं भी ब्राह्मण हूं, सच्चा 24 कैरेट का. अन्य कांग्रेस नेताओं की लगातार अपील के बाद उन्हें अनिच्छा से श्रद्धांजलि देने की अनुमति दी गई.
हार्ट अटैक से मौत
प्रभात के शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दिल का दौरा पड़ने का हवाला दिया गया है, लेकिन प्रभात के परिवार को साजिश का संदेह है. परिवार ने प्रभात की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग की है. उसके चाचा मनीष पांडे की शिकायत के आधार पर लखनऊ के हुसैनगंज थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या संबंधी एफआईआर दर्ज की गई है.
अजय राय ने सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, यह मौत नहीं, बल्कि हत्या है. प्रभात ने अपने साथियों को बताया था कि पुलिस ने उसे पीटा जिससे वह बेहोश हो गया. प्रभात, जो युवा कांग्रेस का सक्रिय सदस्य था, लखनऊ में अपने चाचा के साथ रहता था और कंप्यूटर कोर्स कर रहा था. उसके चाचा मनीष पांडे ने सवाल उठाया था, अगर प्रभात कांग्रेस कार्यालय में दो घंटे तक बेहोश रहा, तो उसे पहले अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया.