रायबरेली : जेल का नाम आते ही अक्सर लोगों का मन भयभीत हो जाता है. हो भी क्यों ना जेलों की पुरानी कहानियां हमेशा लोगों को डराती रही हैं. फिल्मों में भी अक्सर जेल में दी जाने वाली यातनाओं को दिखाया जाता रहा है. क्या सच में जेल का जीवन यही होता है. ऐसी ही तमाम सवालों के बीच रायबरेली के कारागार से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने इन सवालों का मतलब ही बदल दिया है.
दरअसल सोमवार को रायबरेली जेल में जेल अधीक्षक अमन सिंह ने लोकल रेडियो स्टेशन का शुभारंभ किया. ऐसे में अब यहां बंदियों को डांट-डपट मार या यातनाएं नहीं बल्कि शिक्षा व रोजगार के गुर और बेहतर व सुरक्षित जीवन जीने की प्रेरणा दी जा रही है. इतना ही नहीं बंदियों के मनोरंजन का भी जेल प्रशासन प्रबंध कर रखा है. जेल को सुधार गृह बनाने की दिशा में जेल प्रशासन बंदियों के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं.
जेल अधीक्षक अमन कुमार ने बताया कि यह रेडियो पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा. इसमें सुबह सबसे पहले राष्ट्रगान बजेगा. इसके बाद भक्ति संगीत और फिर दोपहर में शालीन फिल्मी गानों का प्रसारण होगा. शाम के समय भी बंदियों के फरमाइशी गीत बजेंगे. इसके लिए बैरकों से कार्यक्रम के नोडल डिप्टी जेलर रैंक के अधिकारी गानों का कलेक्शन कराएंगे फिर इन्हें बजाया जाएगा. जेल अधीक्षक के अनुसार विभिन्न अनुसंधानों से प्रमाणित है कि संगीत नकारात्मक ऊर्जा का क्षय करता है. इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए रायबरेली जिला जेल में बंदी रेडियो की शुरुआत हुई है.