Uttar Pradesh: 200 किमी की दूरी तय कर साईकिल से पहुंचे महाकुंभ, दे रहे हैं पर्यावरण संरक्षण का संदेश, जानें कौन है साईकिल यात्री

मिर्ज़ापुर: महाकुंभ मेले में देश-विदेश से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला अनवरत जारी है. रेल-सड़क मार्गों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़, जाम की गंभीर चुनौतियों से बचते हुए कुछ युवाओं की टोली ने साईकिल से महाकुंभ पहुंच संगम में डुबकी लगाई है. इसके लिए युवाओं की टोली ने दो सौ किलोमीटर की दूरी तय की है वह भी साईकिल के जरिए, इसके पीछे उद्देश्य रहा है भीड़ और जाम से बचते हुए लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना.

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तो आइए जानते हैं कौन हैं यह साईकिल यात्री और क्या रहा है उनके इस यात्रा के पीछे का उद्देश्य..!
यूपी के अंबेडकर नगर जिले के जलालपुर विकास खंड क्षेत्र के जलालपुर गांव के रहने वाले नवनीत मिश्रा महाकुंभ मेला में पहुंचने पर अपनी इस अनोखी साईकिल यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, उनकी इस यात्रा का उद्देश्य लोगों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक लाना रहा है. बताते हैं “अंबेडकर नगर से महाकुंभ तक की दो सौ किलोमीटर की यात्रा करना एक अद्भुत अनुभव रहा, यह यात्रा न केवल धार्मिक महत्व की रही है, बल्कि यह प्रकृति के सौंदर्य का भी अनुभव कराए जाने के साथ पर्यावरण संरक्षण को समर्पित रही है.
महाकुंभ मेला में पहुंचने पर नवनीत अपने टीम के साथियों संग पूरे महाकुंभ मेला क्षेत्र का साइकिल से भ्रमण करते हुए प्लास्टिक मुक्त नगर और गांव को बनाने का संदेश देते हुए लोगों को झोला (थैला) वितरित करते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक से नाता तोड़ने को लेकर जागरुक भी करते रहे हैं.

उत्तर प्रदेश के जलालपुर, अंबेडकर नगर से साइकिल यात्रा शुरू कर वह अंबेडकर नगर, सुल्तानपुर, जौनपुर होते हुए प्रयागराज के महाकुंभ नगर में पहुंचे थे। यात्रा वाले इन जिलों में विभिन्न संस्कृतियों, परंपराओं और ऐतिहासिक स्थलों का अनुभव करते हुए महाकुंभ में पहुंचने पर, धार्मिक अनुष्ठानों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और आध्यात्मिक गतिविधियों में भाग लेकर यह लोग घूम-घूम कर लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए नज़र आए हैं.

मध्यवर्गीय परिवार से ताल्लुकात रखने वाले नवनीत मिश्रा बताते हैं कि उनकी इस साईकिल यात्रा में उनके साथ कुल 8 साथी अभिषेक उपाध्याय, आर्यन, कुश कुमार चतुर्वेदी, रमेश मिश्रा, शेषनवल त्रिपाठी, अंश जायसवाल तथा दिव्यांश सनी शामिल रहे हैं. पहले तो ट्रेन और बस से जाने की तैयारी थी लेकिन करोड़ों की उमड़ रही भीड़ और हर तरफ जाम को देखते हुए साईकिल से यात्रा शुरू करने का विचार हुआ, इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण रहा है प्लास्टिक मुक्ती का संदेश देते हुए पर्यावरण संरक्षण को लेकर लोगों को जागरूक करना जिसपर सभी साथियों की सहमति बनने के बाद यात्रा शुरू की गई.

महाकुंभ में पहुंचने के लिए, नवनीत मिश्र और उनके साथियों ने साइकिल से यात्रा करने का जो विकल्प चुना, वह न केवल एक स्वस्थ और पर्यावरण अनुकूल विकल्प रहा है, बल्कि यह आसपास के क्षेत्रों की सुंदरता का भी अनुभव कराने में कारगर साबित हुआ है. महाकुंभ में पहुंचने पर, नवनीत मिश्र और उनके साथी पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता फैला लोगों को बता रहे थे कि कैसे हम अपने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलाव करके पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं. उनके लिए यह यात्रा न केवल एक धार्मिक अनुभव रही है, बल्कि यह एक पर्यावरण संरक्षण के लिए एक प्रेरक अनुभव भी बनी है.

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